मेरठ में सौरभ राजपूत मर्डर के 27 दिन बीत चुके हैं. इस हत्याकांड में 3 स्तर पर जांच चल रही है. पहली- पुलिस, दूसरी- फोरेंसिक टीम और तीसरी-साइबर सेल. पुलिस केस डायरी, साइबर सेल की मोबाइल जांच के बाद अब फोरेंसिक टीम की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं.
इस कत्ल से पर्दा तब हटा, जब 18 मार्च को सौरभ का छोटा भाई राहुल अपने भाई के घर पहुंचा. यहां उसने मुस्कान को एक लड़के (साहिल) के साथ घूमते देखा.
भाई कहां हैं? पूछने पर सही जवाब मुस्कान नहीं दे सकी. घर के अंदर से बदबू भी आ रही थी। राहुल ने शोर मचाया, तब पड़ोसी भी इकट्ठा हो गए. पुलिस आई तो मर्डर का पता चला. पुलिस कस्टडी में मुस्कान और साहिल ने कत्ल की पूरी कहानी सुनाई.
साहिल और मुस्कान ने सौरभ के टुकड़ों को पहले सूटकेस में भरकर ठिकाने लगाने का प्लान बनाया था, लेकिन उस हिसाब से सूटकेस छोटा पड़ गया. इस पर अगले दिन मुस्कान ड्रम खरीदकर लाई और उसमें बॉडी के टुकड़े सीमेंट से सील कर दिए.
हत्या करने के बाद उसी चादर में हाथ पोछे, जो बेड पर बिछी थी सौरभ की गर्दन काटने के लिए 10-12 बार गला रेता गया. इससे खून के छींटे पूरे कमरे में फैल गए.
18 मार्च को हत्याकांड के खुलासे के दिन से लेकर 25 मार्च को सौरभ के कमरे की जांच तक फोरेंसिक टीम ने क्या सबूत जुटाए? सौरभ की हत्या के बाद खून के निशान और फिंगर प्रिंट कहां-कहां मिले?
जांच करते फोरेंसिक टीम के अधिकारी
1. दीवार से खून के निशान ब्लीचिंग पाउडर से मिटाए: दीवार जहां हल्की सफेद है, वहां खून की छींटे थे. मुस्कान और साहिल ने इसे ब्लीचिंग पाउडर से साफ किया था. सौरभ और मुस्कान मेरठ के इंद्रानगर में किराए के घर में रहते थे. 25 मार्च को पुलिस के साथ फोरेंसिक टीम यहां पहुंची. क्राइम सीन इन्वेस्टिगेशन के दौरान पता चला कि साहिल और मुस्कान ने खून के निशान ब्लीचिंग पाउडर से धो दिए थे. यहां तक कि उस बेडशीट को भी धो दिया था, जिस पर सौरभ की हत्या की थी.
दरअसल, ब्लीचिंग पाउडर का इस्तेमाल सफेद कपड़ों पर लगे दाग-धब्बों को छुड़ाने से लेकर टॉयलेट साफ करने, दीवारों से गंदगी हटाने के काम में लाया जाता है.
फोरेंसिक टीम को कमरे से बाथरूम तक करीब 25 जगह पर खून के निशान मिले. इनमें बेडशीट, फर्श, कमरे-बाथरूम की दीवारें, बेड की साइड की लकड़ियां और चाकू शामिल हैं. फोरेंसिक टीम ने इन सभी जगहों पर बेंजाडीन टेस्ट किया. यहां पर ब्लड और कुछ जगहों पर साहिल-मुस्कान के फिंगर प्रिंट मिले. खून के धब्बे चेक करने के लिए ल्यूमिनॉल नाम के केमिकल का इस्तेमाल किया गया.
जिस तरह खून के छींटे कई जगह पर फैले हुए मिले, उससे साफ हो रहा है कि सौरभ की गर्दन काटने के लिए 10 बार से ज्यादा गला रेता गया. हाथ काटने के लिए भी कई वार किए गए. इसी वजह से खून चारों तरफ फैल गया. फोरेंसिक टीम ने बेडरूम से लेकर बाथरूम तक पूरी मैपिंग की है. इसके बाद कहां-कहां पर किस तरह के खून के निशान मिले, इसकी वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी की है. फोरेंसिक टीम ने करीब 3 घंटे तक सौरभ के कमरे में जांच की, जहां से अहम सबूत जुटाए.
सौरभ के कमरे में मिला सूटकेस
2. लाश को सूटकेस में पैक करके फेंकने की साजिश थी: सौरभ के कमरे में एक सूटकेस भी मिला है. फोरेंसिक टीम के अनुसार, सूटकेस में भी खून के दाग मिले हैं.
सौरभ के सिर और हाथों के टुकड़ों को पहले सूटकेस में भरकर कहीं दूर ठिकाने लगाने की प्लानिंग थी, लेकिन उस हिसाब से सूटकेस छोटा पड़ गया. इस पर अगले दिन (4 मार्च) ड्रम लाकर उसमें टुकड़े सील किए गए. टीम इस सूटकेस को सील करके अपने साथ जांच के लिए ले गई है.
3. चाकू पर मुस्कान और साहिल के फिंगर प्रिंट: सौरभ की हत्या में इस्तेमाल किए गए 2 चाकुओं को ड्रम में ही सीमेंट के साथ जमा दिया गया था. ये दोनों चाकू सौरभ की बॉडी के टुकड़ों के साथ ही ड्रम से मिले हैं. चाकू से मुस्कान और साहिल के फिंगर प्रिंट का मिलान कराया गया. दोनों चाकू को पहले ही पुलिस ने निवाड़ी की फोरेंसिक लैब भेज दिया है.
अब मुस्कान और साहिल के फिंगर प्रिंट को भी लैब भेजा गया है. फोरेंसिक टीम के अनुसार, प्राइमरी जांच में मुस्कान और साहिल के फिंगर प्रिंट चाकू पर मिले हैं. हालांकि, अभी लैब से रिपोर्ट आने के बाद यह और स्पष्ट हो जाएगा.
4. खून से सनी बेडशीट मिली, सौरभ के परिवार का ब्लड सैंपल लिया जाएगा: फोरेंसिक टीम ने मौके से खून से सने कपड़े, बेडशीट, पिलो कवर, तकिया भी बरामद किया है. कपड़ों पर लगे खून की जांच के लिए सौरभ के घरवालों का ब्लड सैंपल भी लिया जाएगा.
सौरभ और परिवारवालों का ब्लड और DNA मैच कराया जाएगा. इससे साफ हो जाएगा कि कमरे और बिस्तर पर बिखरा खून सौरभ का ही था. बेंजाडीन टेस्ट में कमरे. बाथरूम और सूटकेस में मिले खून के निशान सौरभ के ही पाए गए हैं.
5. मोबाइल लोकेशन का नक्शा बनाया जा रहा: फोरेंसिक टीम साइबर टीम के साथ मिलकर मुस्कान और साहिल के मोबाइल से अहम सुराग कलेक्ट कर रही है. टीम ने मोबाइल लोकेशन का नक्शा तैयार कर पुलिस को केस डायरी का हिस्सा बनाने के लिए सौंपा है. लोकेशन के जरिए दिखाया कि हत्या वाली रात और दिन को साहिल-मुस्कान कहां-कहां गए थे? साथ ही दोनों के मोबाइल का डेटा रिकवर करने के लिए फोरेंसिक लैब निवाड़ी भेजा गया है. स्नैपचैट पर दोनों की बातचीत को भी फोरेंसिक टीम ने जांच का हिस्सा बनाया है.
दीवार जहां हल्की सफेद है, वहां खून की छींटे थे
6. साहिल-मुस्कान का कबूलनामा, ई-साक्ष्य ऐप पर सुरक्षित किया: फोरेंसिक टीम की रिपोर्ट, साइबर टीम की रिपोर्ट से लेकर इस केस में जो भी सबूत हैं, वे सभी ई-साक्ष्य ऐप पर सुरक्षित किए गए हैं, ताकि मजबूती से कोर्ट में सबूत पेश किया जा सकें और जल्द सजा दिलाई जा सके.
इस ऐप में केस फाइल का एक यूनिक नंबर जनरेट होता है. इसके जरिए कोर्ट में सौरभ हत्याकांड की पूरी कहानी डिजिटल सबूत के रूप में स्क्रीन पर सामने होगी. पुलिस ने साहिल और मुस्कान के जुर्म कुबूल करने का वीडियो भी ऐप पर अपलोड किया है.
सौरभ के कमरे से मिले कई अहम साक्ष्य: फोरेंसिक, साइबर सेल और पुलिस टीम की जांच के बारे में एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह का कहना है कि पुलिस को सौरभ के कमरे ब्लड समेत कई अहम सबूत हाथ लगे हैं. सौरभ की बहुत निर्मम तरीके से हत्या की गई है. खून के निशान कई जगहों पर बिखरे पाए गए हैं. हम बहुत जल्द केस चार्जशीट बनाकर कोर्ट में पेश करेंगे, ताकि साहिल और मुस्कान को कड़ी सजा दिलाई जा सके.
3 मार्च की रात साहिल के साथ मिलकर सौरभ को मार डाला: मुस्कान जेल में है। वह पकड़े जाने के बाद से ही किसी से बात नहीं कर रही है. लंदन से लौटकर मेरठ आए मर्चेंट नेवी में अफसर सौरभ कुमार राजपूत की उनकी पत्नी मुस्कान रस्तोगी ने 3 मार्च की रात को हत्या कर दी. इस काम में उसका साथ बॉयफ्रेंड साहिल शुक्ला उर्फ मोहित ने दिया.
पहले खाने में दवा मिलाकर बेहोश किया. फिर बेडरूम में सोते समय पति के सीने में मुस्कान ने ही पहला चाकू मारा. मौत के बाद लाश को बाथरूम में ले गए. जहां साहिल ने दोनों हाथ और सिर काटकर धड़ से अलग किया. बॉडी को ठिकाने लगाने के लिए प्लास्टिक के ड्रम में टुकड़े डाले. फिर उसमें सीमेंट का घोल भर दिया.
परिवार और पड़ोसियों को गुमराह करने के लिए मुस्कान शिमला-मनाली चली गई. 13 दिन तक वह इंस्टाग्राम पर वीडियो-फोटो अपलोड करती रही, ताकि लोग यही समझते रहें कि वे लोग घूम रहे हैं.