प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की. इस दौरान ट्रेड से लेकर टैरिफ, टेररिज्म, युद्ध और पर्सनल केमिस्ट्री तक पर चर्चा हुई.
राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी से मुलाकात से पहले ही रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariff) का ऐलान कर दिया था. रेसिप्रोकल टैरिफ यानी जो देश अमेरिकी सामान पर जितना टैरिफ लगाएगा, अमेरिका भी उस देश के सामान पर उतना ही टैरिफ लगाएगा.
ट्रंप ने भारत पर बहुत ज्यादा टैरिफ लगाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मुझे याद है कि जब हार्ले डेविडसन भारत में अपनी मोटरबाइक नहीं बेच पा रही थी, क्योंकि भारत में टैक्स बहुत ज्यादा था. इस वजह से हार्ले को मैन्युफैक्चरिंग बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा. टैरिफ से बचने के लिए उन्हें भारत में फैक्ट्री लगानी पड़ी. हम भी ऐसा ही कर सकते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है ट्रंप और मोदी की इस मुलाकात से भारत को कई गुड न्यूज भी मिली हैं.
1) राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पीएम मोदी की मुलाकात में दोनों के बीच भारत को F-35 फाइटर जेट देने की घोषणा की है. ट्रंप ने कहा कि अमेरिका भारत को अरबों डॉलर के सैन्य उपकरण बेचेगा. पीएम मोदी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि इस साल से हम भारत को अरबों डॉलर के सैन्य उपकरण बेचने जा रहे हैं. हम भारत को भविष्य में F-35 लड़ाकू विमान देने की दिशा में भी कदम बढ़ा रहे हैं.
3) अमेरिका और भारत ने कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है. इनमें एनर्जी और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में निवेश को बढ़ाया जाएगा. एनर्जी सेक्टर में दोनों देशों के बीच बड़ा समझौता हुआ है, जिससे अमेरिका, भारत को तेल और गैस का प्रमुख आपूर्तिकर्ता बन जाएगा.
4) भारत और अमेरिका ने द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक दोगुने से अधिक बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. न्यूक्लियर एनर्जी क्षेत्र में स्मॉल मॉड्यूलर के लिए सहयोग को लेकर सहमति बनी है.
5) भारत और अमेरिका AI सेमीकंडक्टर, बायोटेक्नॉलोजी और क्वांटम में मिलकर काम करेंगे. दोनों देशों के बीच TRUST यानी ट्रांसफॉर्मिंग रिलेशनशिप यूटिलाइजिंग स्ट्रैजिक टेक्नॉलोजी पर सहमति बनी है.
राष्ट्रपति ट्रंप के साथ मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने एक बार फिर युद्ध के काल में शांति पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन जंग को लेकर दुनिया सोचती है कि भारत का रुख न्यूट्रल है लेकिन भारत तटस्थ नहीं है बल्कि हम शांति के पक्ष में हैं. समस्याओं का समाधान जंग से नहीं निकलता. उसे टेबल पर चर्चा करके ही निकला जाता है. राष्ट्रपति ट्रंप ने शांति का जो इनिशिएटिव लिया है, मैं उसका पूरी तरह से समर्थन करता हूं.
हालांकि, दोनों नेताओं की इस मुलाकात के दौरान ऐसे कई फैसले भी हुए जिनका भारत पर बड़ा असर देखने को मिलेगा. इनमें ब्रिक्स और इलिगल इमिग्रेशन के मुद्दे शामिल हैं.
6) ब्रिक्स इज डेड… राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शुरुआत से ही ब्रिक्स पर भड़के हुए हैं. ब्रिक्स देशों की करेंसी लाए जाने की संभावनाओं पर खफा ट्रंप ने कहा कि ब्रिक्स पर 100 फीसदी टैरिफ लगाते ही ब्रिक्स खत्म हो जाएगा. उन्होंने एक बार फिर ब्रिक्स पर टैरिफ लगाने की धमकी दी. इस संगठन को बुरी मंशा के साथ शुरू किया गया था. मेरी नजर में ब्रिक्स खत्म हो गया है.
7) अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप शपथ लेने के बाद से ही देश में रह रहे अवैध प्रवासियों को लेकर सख्त हैं. वह अमेरिका में गैरकानूनी रूप से रह रहे प्रवासियों को उनके देश भेज रहे हैं. भारत के भी 104 अवैध प्रवासियों को लौटा दिया गया है. ट्रंप ने इस मीटिंग में एक बार फिर पीएम मोदी के समक्ष इस मुद्दे को उठाया. पीएम मोदी ने इस मामले में सकारात्मक रुख दिखाते हुए अवैध प्रवासियों को भारत बुलाने पर सहमति जताई.
पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग अवैध रूप से दूसरे देशों में रहते हैं, उन्हें वहां रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है. हमने हमेशा कहा है कि जो लोग भारत के नागरिक हैं और अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं, उन्हें वापस लाने के लिए तैयार हैं. लेकिन साथ ही मानव तस्करी पर भी नकेल कसने को कहा. उन्होंने कहा इस मामले में मानव तस्करी के खिलाफ दोनों मुल्कों के साथ मिलकर काम करने की अपील की.