एकादशी तिथि पर व्रत का संकल्प किया जाता है और पालनहार श्री हरि विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है. एकादशी तिथि माह में दो बार आती है एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में. यह एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है. फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी कल है जिसे विजया एकादशी और फाल्गुन कृष्ण एकादशी के रूप में भी जाना जाता है. इस व्रत के बारे में पद्म पुराण और स्कन्द पुराण में भी जानकारी दी गई है. शत्रुओं पर जीत हासिल करने के लिए या किसी बुरी परिस्थिति से पार पाने के लिए व्यक्ति अगर विजया एकादशी का व्रत करे तो उसे लाभ हो सकता है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की एकादशी तिथि की 23 फरवरी को दोपहर के 1 बजकर 55 मिनट पर शुरू होगी. वहीं, 24 फरवरी को दोपहर के 1 बजकर 44 मिनट पर तिथि समाप्त हो रही है. उदया तिथि के तहत विजया एकादशी के व्रत का संकल्प इस बार सोमवार, 24 फरवरी को किया जाएगा.
पूजा का शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग को देखें तो विजया एकादशी पर पूजा के कई मुहूर्त दिखते हैं-
-ब्रह्म मुहूर्त में सुबह के 05 बजकर 11 मिनट से मुहूर्त शुरू होकर 06 बजकर 01 मिनट तक रहेगा.
-विजय मुहूर्त में दोपहर 02 बजकर 29 मिनट से मुहूर्त शुरू होकर 03 बजकर 15 मिनट तक रहेगा.
-गोधूलि मुहूर्त में शाम के समय 06 बजकर 15 मिनट से मुहूर्त शुरू होकरर 06 बजकर 40 मिनट तक रहेगा.
-निशिता मुहूर्त रात्रि 12 बजकर 09 मिनट से 12 बजकर 59 मिनट तक.
पारण का समय
एकादशी व्रत का पारण अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर किया जाता है. 25 फरवरी को विजया एकादशी व्रत का पारण शुभ मुहूर्त में सुबह 6 बजकर 50 मिनट से 9 बजकर 8 मिनट तक किया जाएगा. शुभ मुहूर्त में अगर व्रत का पारण करें तो व्रत पूरा होता है और व्रत करने का पूरा फल प्राप्त होता है.
पूजा विधि
विजया एकादशी की पूजा विधि एकदम सरल है.
सुबह स्नान कर पूजा स्थल या मंदिर को साफ करें.
एक चौकी लें और उस पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें.
अब भगवान विष्णु को वस्त्र धारण करवाएं, पीले रंग के फूलों की माला भगवान को अर्पित करें.
चंदन, धूप, दीप अर्पित करते हुए भगवान को मिठाई और फल का भोग लगाएं.
देसी घी का दीपक जलाएं और इसी समय विष्णु जी का ध्यान कर उनको समर्पित मंत्रों का जाप करें.
विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ कर सकते हैं जो अति शुभ फलदायी माना गया है.
विजया एकादशी की कथा पढ़कर आखिरी में विष्णु जी और माता लक्ष्मी की आरती उतारें.