वैलेंटाइन डे के खास दिन को इस बार शुक्र ग्रह और भी खास बना रहा है. शुक्रवार की शाम साल में सबसे चमकीला शुक्र ग्रह धरती से खुली आंखों से देखा जा सकेगा. जनवरी से आसमान में नमूदार हुआ यह पड़ोसी ग्रह मार्च में आंखों से ओझल हो जाएगा. शुक्र्रवार को यह इतना चमकदार होगा कि ध्यान से देखने पर पश्चिम दिशा में दिन के वक्त भी नजर आएगा.
शुक्र ग्रह इन दिनों अपनी कक्षा में उस बिंदु पर है जहां यह सूर्य से सबसे दूर और पृथ्वी के सबसे करीब है. अभी इसकी दूरी पृथ्वी से 65,548,748 किलोमीटर है. जाहिर है पिछले एक महीने से सूर्यास्त के बाद चंद्रमा के आसपास इसे बेहद चमकदार और आसानी से देखा जा रहा है. युवा खगोल विज्ञानी वेदांत पांडेय ने बताया कि शुक्रवार को शुक्र ग्रह पृथ्वी के सबसे करीब होने के कारण इस साल में सबसे चमकीला दिखाई देगा.
इसके पीछे इसकी स्थिति, पृथ्वी से करीबी के साथ ही सूर्य की किरणों का सही कोण पर परावर्तन है. इसके अलावा सल्फ्यूरिक एसिड का वातावरण होने के कारण सूर्य से आने वाली 75 प्रतिशत रोशनी को यह परावर्तित कर देता है और सौरमंडल का सबसे चमकदार ग्रह बनता है. शुक्र ग्रह का लगभग 28 प्रतिशत हिस्सा अभी पृथ्वी से साफ दिखाई दे रहा है। इस स्थिति को ‘क्रीसेंट मून’ भी कहते हैं। वेदांत ने अपने टेलिस्कोप से ली हुई तस्वीर भी आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ को भेजी है.
दूसरी तरफ, बीएचयू के भौतिकी विभाग स्थित आईयूका केंद्र में भी शुक्र के साथ ही मंगल आदि ग्रहों की स्थिति पर छात्रों को जानकारी दी जा रही है. आईयूका केंद्र समन्वयक डॉ. राज प्रिंस ने बताया कि पिछले महीने में प्लैनेट परेड के दौरान भी छात्रों को ग्रहों की स्थितियों के बारे में काफी जानकारी मिली थी.
प्रेम और संपन्नता का ग्रह है शुक्र: वाराणसी भारतीय ज्योतिष सहित दुनियाभर की एस्ट्रोलॉजी में शुक्र को प्रेम और संपन्नता का प्रतीक ग्रह माना जाता है ज्योतिषियों का कहना है कि कुंडली में शुक्र ग्रह की बेहतर स्थिति व्यक्ति को धनवान, प्रसिद्ध और प्रेम में सफल बनाती है. रोमन माइथोलॉजी में भी ‘वीनस’ की प्रेम की देवी के रूप में पूजा होती है. टैरो रीडर के साथ ही हस्तरेखा विशेषज्ञ भी शुक्र की बेहतर स्थिति को प्रेम के लिए जिम्मेदार मानते हैं.