बनारस में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या का अभी तक पुलिस ने खुलासा भी नहीं किया है. इस बीच मेरठ के लिसाड़ी गेट के सुहैल गार्डन कॉलोनी में एक ही परिवार के पांच लोगों की निर्ममता से हत्या कर दी गई है. मरने वालों में तीन बच्चे हैं. सभी की लाशें घर के अंदर ही पड़ी मिलीं. हत्या किसने और क्यों की इसका पता लगाने में पुलिस जुटी हुई है. एसएसपी समेत तमाम अफसर मौके पर पहुंचे हैं. जांच के लिए क्राइम ब्रांच और फोरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया गया है. डॉग स्क्वायड से भी सुराग की कोशिश की जा रही है.
मरने वालों के पति मोइन, पत्नी असमा और 3 बच्चे अफ़्सा (8), अजीजा (4) अदीबा (1) हैं। पति-पत्नी और तीनों बच्चों को मारकर लाशों को बेड के बॉक्स में छिपा दिया गया था. मारने के बाद बच्चों की लाश को बोरी में बांधकर बेड के बॉक्स में रखा गया था. मोइन मिस्त्री का काम करता था। पुलिस घर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से सुराग की कोशिश में जुटी है.
जघन्य हत्याकांड की जानकारी तब हुई जब मोईन का भाई सलीम गुरुवार की शाम पहुंचा। सलीम अपनी पत्नी के साथ पहुंचा तो घर का दरवाजा अंदर से बंद था. पड़ोसियों से बात करने के बाद पता चला कि बुधवार से ही कोई दिखाई नहीं दे रहा है. इसके बाद जबरन दरवाजा तोड़ा. अंदर गया तो वहां का नजारा देखकर होश उड़ गए. जमीन पर मोईन और आसमा की लाश पड़ी हुईं थीं. बेड के बॉक्स में बच्चों की लाश मिली। पूरा सामान बिखरा पड़ा था.
मेरठ से पहले वाराणसी में दो महीने पहले पांच नवंबर को एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या कर दी गई थी. मां और तीन बच्चों को एक घर के अंदर मौत के घाट उतारा गया था और पिता को दूसरे घर में मारा गया था. पुलिस ने हत्या के लिए जिस युवक पर शक जताया है अभी तक उसे खोज भी नहीं पाई है. ऐसे में यह मामला अभी तक अनसुलझा ही है.
इस हत्याकांड में पति राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, पत्नी नीतू, बेटी गौरांगी और बेटों नमनेंद्र व सुबेंद्र को मौत के घाट उतारा गया था. पुलिस ने राजेंद्र प्रसाद के ही भाई के बेटे विशाल पर हत्या करने का शक जताया लेकिन उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है. कमाल की बात तो यह कि उसके खिलाफ कुर्की का आदेश पुलिस ले आई और कुर्की की नोटिस भी उसी घर पर चस्पा की है जिस घर में राजेंद्र प्रसाद के परिवार को मौत के घाट उतारा गया है.