फतेहपुर में दलित दिव्यांग परिवार का घर बुलडोजर से गिराने के मामले में कानूनगो जितेन्द्र सिंह और ट्रेनी लेखपाल पर ऐक्शन के बाद अब एसडीएम अर्चना अग्निहोत्री को भी सस्पेंड कर दिया. वह निलंबित रहने तक राजस्व परिषद से संबंध रहेंगी। उनके खिलाफ जांच लखनऊ कमिश्नर को दी गई है. नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव एम. देवराज ने गुरुवार को यह आदेश जारी किया. आरोप हैं अर्चना ने मौके पर जाकर निरीक्षण नहीं किया और अपने पद के दायित्वों का शिथिलतापूर्वक पालन किया. अर्चना अग्निहोत्री के निलंबन के बाद महकमे में सनसनी फैल गई. ऐसा माना जा रहा है कि मामले में संलिप्त अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी जल्द कार्रवाई संभव है.
बता दें कि बरमतपुर प्रकरण को लेते हुए शासन ने कडी कार्रवाई करने का भरोसा दिया था. डीएम स्तर पर कानून गो जितेन्द्र सिंह और ट्रेनी लेखपाल आराधना देवी के निलंबन के बाद से मामले में अफसरों व अन्य कर्मचारियों पर कार्रवाई होने की बात सामने आ रही थी. खास कर टीम गठित करने वाले तहसीलदार समेत उसमें शामिल अधिकारी कर्मचारी राडार पर थे. खास कर सदर एसडीएम व तहसीलदार पर कार्रवाई की तलवार लटक रही थी. एसडीएम के बाद अब तहसीलदार व अन्य लेखपाल जद में आ सकते है. वहीं नायब तहसीलदार कांधी के खिलाफ राजस्व परिषद को हुई लिखापढ़ी पर भी जल्द कार्रवाई का आदेश आने की उम्मीद है. वहीं विधायक जयकुमार जैकी का कहना है कि दलित परिवार को बेघर करने वालों के खिलाफ कार्रवाई सूबे में मिशाल बनेगी. शासन ने मामले को गंभीरता से लिया है. प्रकरण में ढहाने का आदेश देने वाले अफसर भी खुद को बचा नहीं पाएंगे.
दिया भरोसा हम साथ हैं: ब्लाक प्रमुख गुरुवार को अमौली ब्लाक प्रमुख सुशीला देवी बरमतपुर गांव पहुंच पीड़ितों से मुलाकात की. उन्होंने ढहाए गए घर और मलबे के नीचे दबी गृहस्थी को देखते हुए अफसरों की कार्रवाई की निंदा की. पी़ड़ितों को भरोसा दिया कि वह मुसीबत की घड़ी में परिवार के साथ है. उन्होंने परिवार को राशन सामग्री समेत जरूरत का सामान सौंपते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होने का भरोसा दिया.