प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काशी में जिलाधिकारी और कमिश्नर दोनों रहे आईएएस कौशल राज शर्मा दिल्ली बुला लिए गए हैं. 14 दिन पहले ही उनका वाराणसी से तबादला लखनऊ करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपना सचिव बनाया था. लखनऊ आने के एक पखवारे के अंदर ही उनकी जिम्मेदारी बदलने का फरमान आ गया है.
कौशल राज शर्मा को प्रतिनियुक्ति पर एजीएमयूटी कैडर में बुलाया गया है. माना जा रहा है कि दिल्ली में उन्हें बहुत बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है. उन्हें फिलहाल तीन साल के लिए प्रतिनियुक्ति मिली है। 2006 बैच के अफसर कौशल राज शर्मा की नजदीकियां पहले से पीएमओ से रही हैं. यूपी में भाजपा की सरकार आने के बाद कौशल राज शर्मा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की जिम्मेदारी देते हुए डीएम बनाया गया था. इस बीच, एक बार उनका तबादला प्रयागराज में कमिश्नर के पद पर कर दिया गया. इससे पहले कि वह प्रयागराज जाते, तबादला आदेश संशोधित हो गया. उन्हें वाराणसी में ही कमिश्नर बना दिया गया.
वाराणसी को संवारने में अहम योगदान कौशल राज शर्मा के पास वाराणसी की कमान 2019 से पिछले महीने की 22 तारीख तक रही. इन छह सालों में उन्होंने पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र को सजाने संवारने में अहम योगदान दिया। केंद्र और राज्य सरकार की परियोजनाओं को अमलीजामा पहनाने का काम बखूबी अंजाम दिया. इसमें पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर भी शामिल था. कॉरिडोर के लिए तीन सौ से ज्यादा परिवारों को अपना घर छोड़ने के लिए तैयार करना आसान काम नहीं था. इसके बाद भी बिना किसी विवाद के यह काम पूरा हुआ.
हरियाणा के भिवानी के निवासी है कौशल राज कौशल राज शर्मा हरियाणा के भिवानी जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने टेक्सटाइल इंजीनियरिंग से एमटेक और एमए पब्लिक पॉलिसी की पढ़ाई की है. 2006 में सिविल सेवा परीक्षा पास करने के बाद वह IAS बने. स्वभाव से शांत कौशल राज शर्मा काम को लेकर काफी तेज तर्रार अफसर माने जाते हैं. वाराणसी से पहले वह प्रयागराज और कानपुर जैसे बड़े जिलों में जिलाधिकारी रह चुके हैं.
कौशल राज शर्मा को साल 2020 में फेम इंडिया मैग्जीन ने देश के 50 सर्वश्रेष्ठ आईएएस अफसरों की लिस्ट में जगह दी थी. कौशल राज शर्मा को साल 2022 में पीएम एक्सिलेंस अवार्ड भी मिल चुका है. यह अवॉर्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कौशल राज शर्मा को दिया था.