फुलेरा दूज मुख्यत: बसंत ऋतु से जुड़ा त्योहार है. वैवाहिक जीवन और प्रेम संबंधों को अच्छा बनाने के लिए ये त्योहार मनाया जाता है. फुलेरा दूज वर्ष का अबुझ मुहूर्त है, इस दिन कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं. मुख्य रूप से इस पर्व में श्रीराधा कृष्ण की पूजा होती है. जिन लोगों की कुंडलियों में प्रेम का अभाव हो उनको इस दिन पूजा जरूर करनी चाहिए. वैवाहिक जीवन को सुखद बनाने के लिए पूजा की जा सकती है. फुलेरा दूज 1 मार्च यानी आज मनाई जा रही है.
फुलेरा दूज शुभ मुहूर्त
हिंदू वर्ष के दौरान फुलेरा दूज साल के अंतिम माह फाल्गुन में मनाई जाती है. फुलेरा दूज की तिथि 1 मार्च यानी आज अर्धरात्रि में 3 बजकर 16 मिनट से शुरू हो चुकी है और तिथि का समापन 2 फरवरी यानी कल रात 12 बजकर 09 मिनट पर होगा.
फुलेरा दूज पूजन विधि
इस दिन शाम का स्नान करके पूर्ण श्रृंगार करें और राधा-कृष्ण को सुंगधित फूलों से सजाएं. उनको सुंगध और अबीर गुलाल भी अर्पित कर सकते हैं. इसके बाद प्रसाद में सफेद मिठाई, पंचामृत और मिश्री अर्पित करें.
इसके बाद मधुराष्टक या राधा कृपा कटाक्ष का पाठ करें. अगर ये कठीन हो तो ‘राधेकृष्ण’ का जप करें. इसके बाद श्रृंगार की वस्तुओं का दान करें और साथ ही प्रसाद ग्रहण करें.
फुलेरा दूज की सावधानियां
– पूजा का सही समय संध्याकाल का होगा. और इस दिन रंगीन और साफ वस्त्र पहनकर ही आनंद से पूजा करें.
– अगर प्रेम के लिए पूजा करनी है तो गुलाबी वस्त्र धारण करें.
– अगर वैवाहिक जीवन के लिए पूजा करनी है तो पीले वस्त्र का प्रयोग करें.
– इसके साथ साथ पूजा के उपरांत सात्विक भोजन ही ग्रहण करें.
फुलेरा दूज पर करें उपाय
मनचाहा व्यक्ति के साथ विवाह के लिए: जो लोग किसी से प्रेम करते हैं या फिर किसी को पसंद करते हैं और उसके साथ विवाह करना चाहते हैं, वह फुलेरा दूज पर राधा-कृष्ण की विधिवत पूजा करने के बाद एक साफ कागज पर केसर से अपने साथी का नाम लिखें और इसे राधा-रानी के चरणों में रख दें.
खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए: यदि आपके वैवाहिक जीवन में सब कुछ सही नहीं चल रहा है और अक्सर आप दोनों के बीच बहस या विवाद होता रहता है, तो आप दोनों को फुलेरा दूज पर भगवान कृष्ण और राधा रानी की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए और माखन-मिश्री का भोग अवश्य लगाएं.