ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले को लोकसभा में चर्चा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने जवाब दिया. उन्होंने सदन से साफ किया कि ऑपरेशन सिंदूर का लक्ष्य आतंकी ठिकानों को तबाह करना था, इसलिए लक्ष्य पूरा होने के बाद पाकिस्तान के गिड़गिड़ाने के बाद हमने अपनी शर्तों पर सीजफायर किया. पीएम ने आगे कहा कि 9 मई की रात अमेरिका से फोन आया था, मुझे बताया गया कि पाकिस्तान बड़ा हमला करने वाला है.
9 मई की रात अमेरिका से फोन आया था: पीएम मोदी ने कहा कि 9 की रात को अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने मुझे फोन करने का प्रयास किया. मैं सेना के साथ मीटिंग में था, मैंने उन्हें दोबारा फोन किया. मैंने उनसे पूछा- क्या बात है, आपकी कई कॉल आई हैं. मैं मीटिंग में बिजी था. तब उपराष्ट्रपति ने फोन पर बताया कि पाकिस्तान बहुत बड़ा हमला करने वाला है. मैंने जवाब दिया कि अगर पाकिस्तान हमला करेगा तो हम उससे बड़ा हमला करेंगे और गोली का जवाब गोले से देंगे. 9 की रात और 10 मई को हमने पाकिस्तान की सैन्य ताकत को तहस-नहस कर दिया.
दुनिया ने सेना का पराक्रम सराहा, लेकिन कांग्रेस ने नहीं दिया साथ: पीएम मोदी ने कांग्रेस पर सीधा हमला करते हुए कहा कि जब दुनिया भारत की सेना के पराक्रम की सराहना कर रही थी, तब देश का सबसे बड़ा विपक्षी दल सेना को नैतिक समर्थन देने में विफल रहा. उन्होंने कहा, “हमें पूरी दुनिया का समर्थन मिला, लेकिन जवानों को कांग्रेस का साथ नहीं मिला.”
उन्होंने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले की चर्चा करते हुए कहा, “उस दिन मैं विदेश में था, और लौटते ही एक उच्च स्तरीय बैठक की. उस बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए गए कि आतंकियों को करारा जवाब दिया जाएगा. यह हमारा राष्ट्रीय संकल्प था. सेना को पूरी छूट दी गई.”
पाक की न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग नहीं चलेगी: प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने यह साबित कर दिया कि अब ‘न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग’ की रणनीति नहीं चलेगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि “हमने आतंकियों को ऐसी सजा दी है कि आज भी उनके आकाओं की नींद उड़ी हुई है.”
पहलगाम हमले को लेकर प्रधानमंत्री ने इसे भारत को हिंसा की आग में झोंकने की साजिश बताया. उन्होंने कहा, “आतंकियों ने धर्म पूछकर निर्दोषों को गोली मारी. यह दंगे फैलाने की सोची-समझी योजना थी, लेकिन देश की एकता ने उस साजिश को नाकाम कर दिया.”