वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स पर बड़ा ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा है कि 12 लाख की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. वैसे भी इस बार बजट से टैक्सपेयर्स को काफी उम्मीदें थीं. माना जा रहा था कि पुरानी और नई, दोनों तरह की इनकम टैक्स व्यवस्थाओं में टैक्सपेयर्स को कई छूट और कटौती दी जा सकती हैं.
बीमा क्षेत्र के लिए FDI 100 प्रतिशत
– वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बीमा क्षेत्र के लिए FDI सीमा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत की जाएगी. यह बढ़ी हुई सीमा उन कंपनियों के लिए उपलब्ध होगी जो भारत में पूरा प्रीमियम निवेश करती हैं. विदेशी निवेश से जुड़ी मौजूदा सुरक्षा और शर्तों की समीक्षा की जाएगी और उन्हें सरल बनाया जाएगा.
– इसके अलावा उन्होंने कहा कि जुलाई 2024 के बजट में घोषित सीमा शुल्क दरों की संरचना की व्यापक समीक्षा के एक भाग के रूप में, मैं 7 टैरिफ दरों को हटाने का प्रस्ताव करती हूं. यह 2023-24 के बजट में हटाए गए टैरिफ के अतिरिक्त है. 82 टैरिफ लाइनों पर सामाजिक कल्याण अधिभार से छूट देने का प्रस्ताव करती हूं, जो उपकर के अधीन हैं.
सार्वजनिक शिक्षा और स्वास्थ में निवेश
– जिज्ञासा, नवाचार और युवा मस्तिष्कों में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए आगामी पांच वर्षों में सरकारी स्कूलों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना की जाएगी.
– भारतनेट परियोजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के सभी सेकेंडरी स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई जाएगी.
– स्कूल तथा उच्च शिक्षा में भारतीय भाषाओं की डिजिटल पुस्तकों को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारतीय भाषा पुस्तक परियोजना का कार्यान्वयन किया जाएगा.
– आगामी तीन वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर केंद्र स्थापित किए जाएंगे. वित्तीय वर्ष 2025-26 में 200 केंद्र स्थापित किए जाएंगे.
भारत ट्रेड नेट BTN की स्थापना
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए एक डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना – ‘भारत ट्रेड नेट’ (BTN) की स्थापना की जाएगी, जो व्यापार दस्तावेजीकरण और वित्तपोषण समाधान के लिए एक एकीकृत मंच होगा. BTN को अंतर्राष्ट्रीय प्रथाओं के अनुरूप बनाया जाएगा.
– इसके अलावा उन्होंने कहा कि अनुसंधान एवं विकास के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन के एक भाग के रूप में, कम से कम पांच स्वदेशी रूप से विकसित छोटे मॉड्यूलर (परमाणु) रिएक्टर 2033 तक चालू हो जाएंगे…”
– विकसित भारत के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन. 2047 तक कम से कम 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा का विकास हमारे ऊर्जा परिवर्तन के लिए आवश्यक है. इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए निजी क्षेत्रों के साथ सक्रिय भागीदारी के लिए परमाणु ऊर्जा अधिनियम और परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम में संशोधन किए जाएंगे.”