सनातन धर्म में अष्टमी तिथि का बड़ा महत्व है, यह तिथि मां दुर्गा को समर्पित है. हर महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी व्रत रखा जाता है. सावन महीने की अष्टमी तिथि का खास महत्व है क्योंकि इस महीने में शिव की पूजा के साथ शक्ति की पूजा भी होती है. दुर्गा अष्टमी का व्रत रखने और पूजा करने से मां दुर्गा मनचाहा वरदान देती हैं और खूब कृपा करती हैं.
सावन दुर्गा अष्टमी 2025
पंचांग के अनुसार, सावन शुक्ल अष्टमी तिथि 1 अगस्त को सुबह 04 बजकर 58 मिनट से प्रारंभ होकर 2 अगस्त को सुबह 07 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी. चूंकि दुर्गा अष्टमी पर मां दुर्गा की पूजा निशिता काल में करने का बड़ा महत्व है, इसलिए दुर्गा अष्टमी 1 अगस्त को मानी जाएगी. इसी दिन व्रत रखा जाएगा और पूजा की जाएगी.
मासिक दुर्गा अष्टमी पर कई शुभ योग
आज सावन माह की दुर्गा अष्टमी तिथि पर विशेष माना गया शुभ योग बन रहा है. साथ ही मां दुर्गा को समर्पित शुक्रवार का दिन भी आज पड़ रहा है. दुर्गा अष्टमी पर यह संयोग बनना विशेष फलदायी है. ऐसे शुभ संयोग में कोई भी शुभ कार्य करना सफलता देगा.
सावन दुर्गा अष्टमी पूजा मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 19 मिनट से 05 बजकर 01 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 42 मिनट से 03 बजकर 36 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 07 बजकर 12 मिनट से 07 बजकर 33 मिनट तक
निशिता मुहूर्त –रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक
दुर्गा अष्टमी पर मां दुर्गा की पूजा में उन्हें श्रृंगार, अक्षत, रोली, कुमकुम, फूल, फल, मिठाई आदि अर्पित करें. साथ ही आखिर में मां दुर्गा की आरती करें.
सूर्य और चंद्रमा का समय
सूर्योदय- 5:42 AM
सूर्यास्त- 7:15 PM
चन्द्रोदय- 12:32 PM
चन्द्रास्त- 11:28 PM
शुभ योग
ब्रह्म मुहूर्त- 04:17 AM से 04:59 AM
अभिजित मुहूर्त- 12:00 PM से 12:55 PM
अमृत काल- 11:42 AM से 01:25 PM
शुभ योग रवि योग- 03:40 AM, अगस्त 02 से 05:43 AM, अगस्त 02
अशुभ काल
राहु- 10:46 AM से 12:27 PM
यम गण्ड- 03:50 PM से 05:31 PM
कुलिक- 07:24 AM से 09:05 AM
दुर्मुहूर्त- 08:24 AM से 09:18 AM, 12:54 PM से 01:48 PM