Video: कानपुर अग्निकांड: महज 20 मिनट में बेसमेंट से टॉप फ्लोर तक पहुंची आग, घर में रखे सिलेंडरों से हुआ काम तमाम

कानपुर में 4 मंजिला बिल्डिंग में भीषण आग लग गई. हादसे में 5 लोग जिंदा जल गए। मरने वालों में मां-बाप और 3 बेटियां हैं. बिल्डिंग के पहले और दूसरे फ्लोर पर जूता-चप्पल बनाने का कारखाना है. तीसरी और चौथी मंजिल पर परिवार के लोग रहते हैं. सबसे आश्चर्यजनक बात यह कि महज 20 मिनट में आग बेसमेंट से टॉप फ्लोर तक पहुंच गयी जिसे विकराल बनाने में घर में रखे सिलेंडरों ने आग में घी का काम किया.

रविवार रात करीब 8 बजे चमनगंज थाना क्षेत्र के प्रेम नगर में बिल्डिंग की पहले फ्लोर में आग लगी. देखते ही देखते आग पूरी बिल्डिंग में फैल गई. घरों में रखे सिलेंडर, केमिकल और एसी फटने से इलाके में दहशत फैल गई. आग की सूचना पर एक-एक कर मौके पर दमकल की 20 गाड़ियां पहुंचीं. रात 1.30 बजे लखनऊ से SDRF के जवान भी रेस्क्यू के लिए पहुंचे. बिल्डिंग के दोनों तरफ करीब 500-500 मीटर तक इलाके को ब्लॉक कर दिया गया है. आग की भयावहता को देखते हुए आसपास की इमारतें खाली कराई गईं. बिजली भी काट दी गई फायर फाइटर्स ने तीसरी मंजिल पर फंसे 4 लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला. चौथी मंजिल पर फंसे मां-पिता और 3 बेटियों को 7 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद भी नहीं बचाया जा सका. रात 3 बजे पांच शव निकाले गए. मां से लिपटी बेटी का शव देखकर फायर फाइटर्स भी रोने लगे. आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है.

आग लगने का कारण अभी पता नहीं चल सका: जूता-चप्पल की फैक्ट्री में आग लगने का कारण अभी पता नहीं चल सका है. प्रेम नगर निवासी अकील के बड़े बेटे दानिश का जूते-चप्पल का कारोबार है. 4 मंजिला बिल्डिंग में नीचे कारखाना है. तीसरी मंजिल पर उनके भाई कासिफ परिवार के साथ रहते हैं जबकि चौथी मंजिल पर दानिश, उनकी पत्नी और तीन बच्चियां रहती थीं.

रविवार रात करीब 8 बजे बिल्डिंग में आग लगी. सूचना पर पहुंची दमकल की टीम ने तीसरी मंजिल पर फंसे कासिफ के परिवार को रेस्क्यू कर लिया. फायर फाइटर्स बिल्डिंग के अंदर सीढ़ी लगाकर दाखिल होने का प्रयास करते रहे. मगर धुआं के कारण अंदर नहीं जा पाए. चौथी मंजिल पर फंसे मोहम्मद दानिश (45), उनकी पत्नी नाजमी सबा (42), बेटी सारा (15), सिमरा (12), इनाया (7) को नहीं निकाला जा सका. पांचों लोग जिंदा जल गए. एक बेटी जान बचाने के लिए मां से लिपट गई। मां-बेटी का लिपटा हुआ शव मिला.

रुक-रुककर होते रहे धमाके: आग लगने की सूचना पर मौके पर पुलिस पहुंची और बचाव काम शुरू किया. पहले बेसमेंट में आग लगी, आग लगने का कारण अभी पता नहीं चल सका प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग पहले बेसमेंट में लगी. इसके बाद तेजी से फैलते हुए महज 20 मिनट में ही टॉप फ्लोर तक पहुंच गई. घर में रखे सिलेंडर, एसी और केमिकल के ड्रमों में विस्फोट होने लगा. पहले 2 धमाके हुए. 5 मिनट बाद तीसरा धमाका हुआ. बगल की बिल्डिंग में जूता-चप्पल का गोदाम भी आग की चपेट में आ गया.

पहले लोग खुद ही बुझाने में जुट गए। 8.45 बजे फायर ब्रिगेड को सूचना दी, करीब 30 मिनट बाद 9.15 बजे दमकल की पहले चार गाड़ियां मौके पर पहुंचीं. आग की भयावहता को देखते हुए 6 और दमकल की गाड़ियां बुलाई गईं. फिर एक-एक कर कुल 20 दमकल की गाड़ियां आग बुझाने में लगीं. आग पर काबू पाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा. जूते के कारखाने में डेन्ड्राइड केमिकल रखा था. जिससे आग तेजी से धधक रही थी.

7 घंटे लगे आग पर काबू पाने में : पुलिस कर्मी पड़ोस की छत से कासिम के घर की दीवारों को तोड़कर हैवी फोर्स के साथ पानी अंदर फेंका गया. फायर ब्रिगेड की हाइड्रोलिक मशीन मौके पर पहुंची. जिससे बिल्डिंग के ऊपरी हिस्सों में पानी की बौछार छोड़ी गई. करीब 7 घंटे बाद यानी रात 3 बजे 70 फायर फाइटर्स ने आग की लपटों पर काबू पाया.

जिस बिल्डिंग में आग लगी है, उसके आसपास की 6 बिल्डिंग को खाली कराया गया है. पिता से दानिश ने सिर्फ हैलो कहा, फिर फोन नहीं उठा परिवार वालों के मुताबिक, आग लगने की सूचना पर अकील ने बेटे दानिश को फोन किया. दानिश ने फोन उठाकर हैलो बोला था। फिर उसका फोन बंद हो गया. पड़ोस के लोगों का कहना है कि आग लगने के दौरान दानिश एक बार नीचे उतर के आया था. इसके बाद वह दोबारा बच्चों को बचाने के लिए ऊपर भाग गया. फिर आग ने पूरी बिल्डिंग को चपेट में ले लिया और वह नीचे नहीं उतर सका.

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