जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कानपुर के शुभम द्विवेदी (31 साल) की गोली मारकर हत्या कर दी गई. शुभम की फरवरी में शादी हुई थी. वह पत्नी और परिवार के 11 सदस्यों के साथ कश्मीर घूमने गए थे.
पत्नी ने परिवार को बताया, आतंकियों ने पहले नाम पूछा और फिर सिर में गोली मार दी. चचेरे भाई सौरभ द्विवेदी ने बताया, पता चला है कि शुभम और उनकी पत्नी एशान्या घुड़सवारी करते हुए ऊपर पहाड़ियों पर गए थे. अन्य 11 लोग नीचे ही थे। अचानक वहां भगदड़ मच गई थी. कुछ देर बाद जानकारी मिली कि वहां लोगों को आतंकियों ने गोली मार दी. सरकार से हमारी मांग है कि हमारे भाई को जल्द से जल्द जिस भी हाल में है, वैसे ही यहां पहुंचाया जाए. वहां साथ में जो लोग हैं, उन लोगों को भी अस्पताल में देखने को नहीं दिया गया.
12 फरवरी को हुई थी शुभम की शादी शुभम के पिता संजय द्विवेदी कानपुर में सीमेंट कारोबारी हैं. वह अल्ट्राटेक सीमेंट के डीलर हैं. उनका परिवार महराजपुर थाने के गांव हाथीपुर का मूल निवासी है. अभी कानपुर के श्यामनगर में परिवार के साथ रहते हैं. परिवार ने बताया, शुभम की इसी साल 12 फरवरी को यशोदानगर की एशान्या से शादी हुई थी। 17 अप्रैल को वह अपनी पत्नी एशान्या के साथ कश्मीर घूमने गया था. साथ में शुभम की मां सीमा, पिता संजय, बहन आरती, बहनोई शुभम दुबे, शुभम के ससुर राजेश पांडेय और सास गए थे. दोनों परिवारों के कुल 11 लोग घूमने गए थे. उन्हें 23 अप्रैल को लौटना था, मगर एक दिन पहले आतंकी हमला हो गया.
इमरजेंसी हेल्प डेस्क नंबर अनंतनाग पुलिस ने पर्यटकों के लिए दो हेल्पलाइन नंबर 9596777669 और 01932225870 जारी किए हैं। इसके अलावा वॉट्सऐप नंबर 9419051940 जारी किया है. श्रीनगर पुलिस की हेल्प डेस्क इमरजेंसी नंबर 0194-2457543, 0194-2483651, एडीसी श्रीनगर आदिल फरीद का नंबर 7006058623 जारी किया है.
हमले में 26 टूरिस्ट की मौत: दरअसल, जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने मंगलवार को पर्यटकों पर फायरिंग की, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में एक इटली और एक इजराइल का पर्यटक और 2 स्थानीय नागरिक शामिल हैं. बाकी पर्यटक गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के हैं. घटना मंगलवार दोपहर करीब 2.45 बजे पहलगाम की बैसारन घाटी में हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आतंकियों ने एक टूरिस्ट से नाम पूछा, फिर उसके सिर में गोली मार दी। इसके बाद दूसरे पर्यटकों पर फायरिंग करते हुए भाग निकले. हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा ने ली है.