पीएम नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के यमुनानगर में एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर संविधान को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा सत्ता पर कब्जा जमाने के लिए संविधान को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया. पीएम मोदी ने कहा कि इसी कांग्रेस ने कट्टरपंथी मुस्लिमों के तुष्टिकरण के लिए वक्फ ऐक्ट में 2013 में संशोधन कर दिया था. चुनाव जीतने के लिए कुछ महीने पहले ही ऐसा किया गया और यह ऐसा कानून था कि संविधान भी उससे कमजोर हो गया और उस पर लागू तक नहीं होता था. यही नहीं पीएम मोदी ने कहा कि यदि कांग्रेस को मुस्लिमों से इतना ही प्यार है तो किसी मुसलमान को पार्टी का अध्यक्ष क्यों नहीं बनाती.
उन्होंने कहा कि चुनाव में कांग्रेस आधे टिकट मुसलमानों को ही क्यों नहीं देती. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने इमरजेंसी में संविधान की धज्जियां उड़ा दी थीं. कांग्रेस ने आपतकाल में संविधान की भावना को कुचला ताकि जैसे-तैसे सत्ता बनी रहे. उन्होंने कहा कि संविधान की भावना है कि सबके लिए न्याय हो और समानता की भावना से काम हो. संविधान की भावना है कि सबके लिए एक जैसी न्याय संहिता हो, जिसे मैं सेकुलर सिविल कोड कहता हूं. लेकिन कांग्रेस ने इसे कभी लागू नहीं किया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में भाजपा सरकार आने के बाद सेकुलर सिविल कोड लागू हुई. इसे डंके की चोट पर लागू किया गया. देश का दुर्भाग्य देखिए कि संविधान को जेब में रखने वाले लोग उसका भी विरोध करते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने कर्नाटक में टेंडर में धर्म के आधार पर आरक्षण कर दिया, जिसका संविधान में प्रावधान नहीं है. इस पर बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर ने भी साफ बात कही थी.
‘आधे टिकट मुसलमानों को क्यों नहीं देती कांग्रेस’: पीएम मोदी ने कहा कि मैं तो कहता हूं कि यदि मुसलमानों से इतना ही प्यार है तो कांग्रेस उनके किसी नेता को अपनी पार्टी का अध्यक्ष क्यों नहीं बनाती. उन्हें चुनाव में आधे टिकट क्यों नहीं देती. उन्होंने कहा कि इन लोगों को किसी की परवाह नहीं है. ये ऐसे फैसले करते हैं, जिससे गरीब मुसलमानों को भी परेशानी होती है. ऐसा ही वक्फ ऐक्ट था, जिससे कट्टरपंथी मुसलमानों और अमीरों को ही वक्फ बोर्ड पर कब्जा मिला. अब नए कानून से सभी खुश हैं.