छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के जवानों पर बड़ा हमला किया. इसमें राज्य पुलिस यूनिट डीआरजी या डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड के 9 जवान समेत एक नागरिक ड्राइवर शहीद हो गए. वे एंटी-नक्सल ऑपरेशन से ही लौट रहे थे, जब उनके वाहन को निशाना बनाया गया. इस हमले के बाद एनआईए के रायपुर ब्रांच की फॉरेंसिक टीम घटनास्थल की जांच के लिए बीजापुर पहुंच रही है.
बताया जा रहा है कि आईईडी लदे वाहन को जवानों के वाहन के पास ब्लास्ट किया गया. धमाका इतना जोरदार था कि सड़क पर एक बड़ा गड्ढा हो गया और वाहन के परखच्चे उड़ गए. घटनास्थल से सामने आए वीडियोज में देखा जा सकता है कि आसपास वाहन के टुकड़े बिखरे हैं. जिस स्कॉर्पियो वाहन में जवान सवार थे, वो पूरी तरह से जलकर खाक हो गई.
इस खौफनाक ब्लास्ट का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि धमाके के बाद वाहन के टुकड़े पास के ही पेड़ पर जा लटके. वाहन पूरी तरह नेस्तनाबूद हो गया और उसके स्टेरिंग भी घटनास्थल पर बिखरे पाए गए. हमले के बाद जवानों के हथियारों को भी बरामद किया गया है, जो पूरी तरह नष्ट हो गए. बता दें कि यह विस्फोट बीजापुर जिले के बेदरे-कुटरू रोड पर 02.15 बजे हुआ.
तीन दिनों के ऑपरेशन के बाद लौट रहे थे जवान
बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि डीआरजी जवान ऑपरेशन से लौट रहे थे, जब उनपर हमला हुआ. उन्होंने बताया कि पिछले तीन दिनों से जिला बीजापुर, नारायणपुर और दंतेवाड़ा के सीमावर्ती इलाके में सुरक्षाबल ऑपरेशन चला रहे थे, जिसमें पांच माओवादी मारे गए थे और उनके शव भी बरामद किए गए थे. इस दौरान मुठभेड़ में भी एक जवान शहीद हो गए थे.
आईजी ने बताया कि वे सर्च पूरी करके वापस लौट रहे थे, जब बीजापुर के बेदरे-कुटरू इलाके के अंबेली गांव के पास माओवादियों द्वारा लाए गए आईईडी के ब्लास्ट होने से 8 डीआरजी जवान शहीद हो गए और उसमें एक ड्राइवर भी शहीद हो गए थे. हमले में शहीद हुए सभी जवानों के शव को बरामद कर लिया गया है.
दो साल में नक्सलियों का सबसे बड़ा हमला
एक अधिकारी ने बताया कि पिछले दो सालों में नक्सलियों द्वारा सुरक्षाकर्मियों पर यह सबसे बड़ा हमला है. इससे पहले 2023 में 26 अप्रैल बीजापुर के पड़ोसी जिले दंतेवाड़ा में सुरक्षाकर्मियों को ले जा रहे एक काफिले को नक्सलियों ने निशाना बनाया था, जिसमें दस पुलिसकर्मियों समेत एक नागरिक ड्राइवर की मौत हो गई थी.