प्रयागराज महाकुंभ में टेंट सिटी बसाने वाले लल्लूजी के गोदाम में भीषण आग लगी है. 3 किलोमीटर दूर से आग की लपटें दिख रही हैं. गोदाम शास्त्री ब्रिज के बीच में काली सड़क पर है. सुबह 6:30 बजे आग लगी। सुबह 9.30 बजे तक गोदाम धधक रहा है.
फायर ब्रिगेडकी करीब 15 गाड़ियां मौके पर पहुंची हैं. करीब 5 लाख बांस-बल्लियां, टेंट के पर्दे, रजाई-गद्दे, कुर्सी-मेज और प्लाईवुड में आग लगी है. तेज हवा चलने के कारण आग तेजी से फैल रही है. आग इतनी भयावह है कि फायर ब्रिगेड को आग बुझाने के लिए ढाल का उपयोग करना पड़ रहा है. दमकल कर्मियों के पूरे शरीर पर छाले पड़ गए हैं. प्रयागराज डीएम मौके पर पहुंच गए हैं. सेना और आसपास के सभी जिलों से फायर टेंडर बुलाए गए है.
बताया जा रहा है कि सुबह गोदाम में मजदूर छोटे सिलेंडर पर खाना बना रहे थे तभी सिलेंडर फट गया। इसके बाद गोदाम में आग लग गई. आग की लपटें देखकर गोदाम में सो रहे कर्मचारी और आसपास के लोग भाग कर पहुंचे. बाल्टी और पाइप से पानी डालना शुरू कर दिया, लेकिन आग तेजी से बढ़ते देख लोगों ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी. सूचना पर फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. पुलिस ने दो किमी एरिया को सील कर दिया. आसपास के क्षेत्र के लोगों को अलर्ट कर दिया गया है. आग कैसे लगी अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है.
भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. इस बार भी महाकुंभ में टेंट का जिम्मा लल्लूजी एंड संस कंपनी के पास था। यह कंपनी 104 साल से रेत पर तंबुओं का शहर बसाने का काम कर रही है. इस कंपनी को कुंभ का विश्वकर्मा कहा जाता है.
मेला क्षेत्र से गुजर रहे वाहन चालक आग की लपटों को देखकर ब्रिज पर रुक गए. फायर ऑफिसर के शरीर में पड़े छाले फायर ऑफिसर आरके चौरसिया ने बताया कि हमें सूचना मिली कि एक टेंट के गोदाम में आग लग गई है. मैंने तुरंत फायर स्टेशन के सभी फायर टैंकर बुलाए. CFO भी मेरे साथ यहां आए। मैंने घटना को देखते हुए आसपास के सभी जिलों से फायर टैंकर मंगवाए. सभी डिफेंस टैंकर भी बुलाए गए हैं. आग बहुत बड़ी है और उसका तापमान इतना अधिक है कि उसे बुझाने के लिए हमें ढाल का उपयोग करना पड़ रहा है. मेरे पूरे शरीर पर छाले भी पड़ गए हैं. गोदाम में अत्यधिक भारी सामान होने के कारण यह आग लगी है.
वहां मौजूद लोगों को कई बार कहा गया कि वे यह सारा सामान हटा दें. वहां सिलेंडर भी रखे थे, जो आग में फट गए। आग बुझने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी. अब लल्लूजी का कारोबार और महाकुंभ बसाने की जिम्मेदारी बताते हैं लल्लूजी एंड संस के कार्यालय और गोदाम प्रयागराज के परेड ग्राउंड, रामबाग, झूंसी और नैनी के साथ ही देशभर में हैं. कंपनी हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में लगने वाले मेलों में भी टेंट लगाने का काम करती है. कंपनी का सेटअप दिल्ली, उज्जैन, हरिद्वार और अहमदाबाद में भी है. 2025 महाकुंभ के लिए देश के 6 शहरों से लल्लूजी कंपनी की ओर से सामान मंगवाए गए थे.
महाकुंभ या कुंभ मेले में कपड़े के टेंट से लेकर बांस-बल्ली, थाने-चौकी बनाने का काम लल्लूजी की कंपनी के जिम्मे रहा. महाकुंभ में टेंट बनाने की जिम्मेदारी कुल 10 वेंडर्स को मिली है. इसमें 9 ठेके लल्लूजी एंड संस के परिवार के पास हैं. 10वां ठेका हरिद्वार के वृंदावन टेंट हाउस को दिया गया है. लल्लूजी को अखाड़ों का टेंट लगाने के साथ वीआईपी टेंट सिटी और बड़े इवेंट में सारी व्यवस्था देने की जिम्मेदारी भी मिली थी. इस साल महाकुंभ में 4 लाख बल्लियां लगाई गई थीं.