पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में फिलहाल तनावपूर्ण शांति है. लेकिन दो दिन पहले जिस तरह हिंसा भड़की, उसकी भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब तक पांच सैकड़ा लोगों ने मुर्शिदाबाद छोड़ दिया और पलायन कर मालदा में आ गए हैं. ये सिलसिला थमा नहीं है. पलायन करने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. ये शरणार्थी ग्रामीण मालदा के एक स्कूल में शरण लिए हैं. ये ग्रामीण मालदा के पारलालपुर हाई स्कूल में शरण लिए हैं. इस स्कूल में कम से कम 500 लोग शरण लेकर ठहरे हैं. इनमें मुख्य रूप से महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.
More than 400 Hindus from Dhulian, Murshidabad driven by fear of religiously driven bigots were forced to flee across the river & take shelter at Par Lalpur High School, Deonapur-Sovapur GP, Baisnabnagar, Malda.
Religious persecution in Bengal is real.
Appeasement politics of… pic.twitter.com/gZFuanOT4N
— Suvendu Adhikari (@SuvenduWB) April 13, 2025
वक्फ कानून को लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के धुलियान में स्थिति अब भी तनावपूर्ण बनी हुई है. पश्चिम बंगाल के डीजीपी का कहना है कि स्थिति अब नियंत्रण में है. वहीं यहां रविवार सुबह भी फायरिंग की खबरें आई थीं। जानकारी के मुताबिक रविवार सुबह बीएसएफ की टीमों को निशाना बनाकर फायरिंग की गई थी. विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी का दावा है कि धुलियान में कम से कम 400 हिंदुओं को अपना घर-बार छोड़कर पलायन करना पड़ गया है. बता दें कि इस हिंसा में कम से कम तीन लोगों की जान गई है.
गांव वालों का कहना है कि वे लोग अपने घरों को छोड़कर आए हैं और नाव से नदी पार कर पहुंचे हैं. इन लोगों में 3 दिन के नवजात से लेकर बुजुर्ग महिलाएं तक शामिल हैं. स्थानीय लोगों ने इन लोगों को शरण दी है और वे उन्हें खाना भी खिला रहे हैं. लोगों के आने का सिलसिला थमा नहीं है.
शरणार्थी बोले- परेशान किया जा रहा: उनका कहना है कि हम लोगों को परेशान किया जा रहा है. खासतौर पर हम पर जो हमला कर रहे हैं, उनकी उम्र बहुत कम है. 15 से 17 साल के लड़के हमला करने वालों में शामिल हैं.
अधिकारी ने ममता बनर्जी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि तुष्टीकरण की राजनीति कि वजह से कट्टरपंथियों को छूट और बढ़ावा दिया जाता है. अधिकारी ने सोशल मीडिया पर लिखा, 400 से ज्यादा हिंदुओं को धुलियान छोड़ना पड़ गया है. कट्टरपंथियों के डर के मारे उन्हें पार लालपुर हाई स्कूल, देवनाकुप-सोवापुर जीपी, बैसनाबनगर मालदा में शरण लेनी पड़ी है. इसके अलावा अधिकारी ने वीडियो और फोटो भी शेयर किए.
‘ना घर रहा, ना राशन’: एक ग्रामीण ने कहा कि मेरा घर मुर्शिदाबाद के धूलियान में है. मेरे गांव में बड़ी संख्या में घरों में आग लगा दी गई. ग्रामीणों के साथ मारपीट की गई. अब ना घर रहा और ना खाने को राशन बचा था, इसलिए हम मजबूरी में पलायन करके आए हैं. भीड़ के लोग लूटपाट करके ले गए हैं.
बताया गया कि पार लालपुर हाई स्कूल में कम से कम 500 लोग पलायन करके पहुंचे हैं. वहीं मालदा के स्थानीय लोग उनकी मदद कर रहे हैं. बताया गया कि दो दिनों से लोग पलायन कर रहे हैं. वहां के लोगों ने बताया कि वे जान बचाकर भागे हैं. महिलाओं ने कहा कि पानी में भी जहर मिलाने की धमकी दी गई और इसलिए वे जान बचाकर भाग आए.
अधिकारी द्वारा शेयर किए गए वीडियो में एक शख्स ने कहा कि उसके घर को जला दिया गया है और पुलिस अधिकारियों ने उसकी मदद के लिए कुछ नहीं किया. उसने कहा कि बीएसएफ, पुलिस और जिला प्रशासन को मिलकर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि वे अपने घरों को लौट सकें.
अधिकारी ने कहा, हम केंद्रीय अर्धसैनिक बलों, पुलिस और जिला प्रशासन से निवेदन करते हैं कि वे घर से भागे हिंदुओं को वापस घर पहुंचाने में मदद करे. जिहादी आतंकियों से उनकी रक्षा की जाए. बंगाल जल रहा है. सामाजिक तानाबाना बिगड़ चुका है. अब बहुत हो चुका है. बता दें कि मुर्शिदाबाद की हिंसा में कई वाहनों को भी आग लगा दी गई. शुभेंदु अधिकारी ने कहा, बंगाल में धर्म के आधार पर निशाना बनाया जाना आम है. तुष्टीकरण की राजनीति में कट्टरपंथियों को शह दे दी है। हिंदुओं को मारा जाता है.
राज्य में बीएसएफ ने पांच कंपनियों को तैनात किया है. बीजेपी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि राज्य की सरकार हिंदुओं पर हमला करने वालों को बढ़ावा देती है. ऐसे में हिंदुओं को पलायन करना पड़ा रहा है। मंदिर और मूर्तियों को तोड़ा जा रहा है. बंगाल जल रहा है और इसकी जिम्मेदार ममता बनर्जी की सरकार है. उन्होंने कहा कि यह सब उस जमीन पर हो रहा है जहां विवेकानंद जैसे महापुरुष ने जन्म लिया.