एसबीआई सुपर सीनियर सिटीजन, यानी वरिष्ठ नागरिकों में सबसे बुजुर्ग जिनकी आयु सीमा 80 वर्ष या उससे अधिक है, के लिए एक विशेष एफडी योजना लेकर आया है।
फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD) :
एसबीआई और एचडीएफसी जो की देश के दो बड़े बैंकों हैं, उन्होंने नए साल का तोहफा निवेशकों को दिया है. हालांकि यह एक खास कैटेगेरी के लिए है. एसबीआई में सुपर सीनियर सिटीजन्स यानी बुर्जुगों में भी अति बुजुर्ग जिनकी उम्र 80 साल या उससे ऊपर की रखी गई है, ये एफडी स्कीम उनके लिए खास लेकर आया है. उन्हें वरिष्ठ नागरिकों की तुलना में 10 आधार अंक अधिक रिटर्न मिलेगा. ध्यान रहे कि एक देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक और दूसरा देश का सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक है. इनके इस निर्णय से दूसरे बैंक भी इस दिशा में जा सकते हैं इस करण से नए साल में नए निवेशकों को बैंकों की एफडी में निवेश करने के लिए फयदे का निर्णय उम्मीद भरा हो सकता हैं
एचडीएफसी में 5 करोड़ से ज्यादा एफडी में निवेश करने पर भिन्न-भिन्न कैटेगेरी में पांच से 10 आधार अंकों की ब्याज दरों की बढ़ोतरी की है. यह हर तरह की सयम सीमा के लिए है. कंपीट करने के लिए एचडीएफसी बैंक ने दूसरे बैंकों से ज्यादा अपनी ब्याज की दरें बढ़ाई हैं. दोनों बैंकों ने ऐसे समय ब्याज दरें बढ़ाने का निर्णय लिया है जबकि विकास की गति सामान्य रखने के लिए दरों में नीतिगत कटौती की मांग आरबीआई से की जा रही है. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, 11.5 फीसदी की दर का ग्रोथ डिपॉजिट और लोन पर बराबर से हो रहा था.
क्या ऋण की दरें तो नहीं बढ़ जाएँगी
देश के दोनों बड़े बैकों के फिक्स्ड डिपॉज़िट पर ब्याज दरें बढ़ाने के बाद यह भी माना जा सकता है कि अन्य बैंक भी अपनी एफडी पर इंट्रेस्ट रेट में बदलाव करेंगे.जानकारों का मानना है कि एफडी पर ब्याज की दरें बढ़ने से बैंक ऋण के इंट्रेस्ट रेट बढ़ाने के लिए भी विवश हो सकते हैं. क्योंकि बैंकों में जमा राशि ही ऋण के रूप में दी जाती है वहीं ऋण पर जमा से अत्यधिक इंट्रेस्ट लिया जाता है.