हमीरपुर जनपद संभवत उन दुर्भाग्यशाली जिलों में एक है जिसे उफनायी दो-दो नदियों का कहर झेलना पड़ रहा है. जहां एक और यमुना खतरे के निशान से 8 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है, वहीं बेतवा खतरे के की निशान से लगभग डेढ़ मीटर नीचे बह रही है हालात की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने उन इलाकों में मुनादी कराना शुरू कर दिया है जहां आने वाले दिनों में खतरा हो सकता है सबसे चिंता की बात यह है की इन दोनों नदियों का जलस्तर बराबर बढ़ता जा रहा है.
जनपद में बाढ़ की विभीषका का कारण जहां एक और अनवरत बारिश है वहीं दूसरी ओर माता टीला, कोटा लेचुरा बांधों से यमुना और बेतवा नदी में छोड़ गया पानी है जिससे हालात यह हो गए हैं कि जनपद मुख्यालय सहित कई इलाके प्रभावित होने की स्थिति में आ रहे हैं मुख्यालय के घनी आबादी वाले पुराना बेतवा घाट, खालेपुरा सहित कुरारा और सरीला में बाढ़ का पानी घुसने लगा है. इसी के मद्देनज़र जिला अधिकारी घनश्याम मीणा ने बाढ़ ग्रसित इलाकों का जायजा लेकर बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया है. जिला प्रशासन ने टीमें बनाकर लोगों को हर संभव मदद करने की युद्धस्तर पर कोशिश शुरू कर दी है.
इन्ही प्रयासों के तहत ही जिला प्रसाशन खतरे वाले इलाकों में मुनादी करा रहा है. मुनादी में युवक बोल रहा है बाढ़ आने से पहले अपनी जगह छोड़ दे और ऊंचे स्थान पर चले जाए ,यमुना में बाढ़ आ गई है मछुआरे नदी में ना जाए , कोई नहाने भी ना जाए सभी लोग अपना और अपने बच्चों का ध्यान रखे, यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही और बेतवा नदी खतरे के निशान के पास बह रही.