सपा चीफ अखिलेश यादव और रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी का एक मस्जिद के अंदर बैठक का वीडियो वायरल होने के बाद सियासत तेज है. इस बीच जमीयत दावतुल मुसलीमीन के संरक्षक कारी इस्हाक गोरा ने अखिलेश यादव और सपा नेताओं द्वारा मस्जिद में बैठक करने पर रोष व्यक्त किया.
भड़के देवंबदी उलमा कारी इस्हाक गोरा कहा कि मस्जिद को सियासी मंच बनाकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम किया है. कारी इस्हाक गोरा बुधवार को जारी बयान में कहा कि रामपुर से सपा सांसद मौलाना मोहिब्बुल्ला नदवी, पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और कुछ महिला प्रतिनिधियों के साथ एक मस्जिद के अंदर इमाम के मुसल्ले के करीब बैठक की. जिसकी वीडियो और तस्वीरे सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. इस पर दुनियाभर के मुसलमान प्रतिक्रिया दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि मस्जिद अल्लाह का घर है, इबादत की जगह हैं, इसे सियासी उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करना शरीयत के सरासर खिलाफ है. मस्जिदें इबादत, तिलावत और रूहानी सुकून का मरकज हैं न कि सियासी बैठकों का.
मस्जिद में सपा सांसदों की बैठक से सियासत गर्म जामा मस्जिद में समाजवादी पार्टी के सांसदों की मौजूदगी ने सियासी हलकों में नया विवाद खड़ा कर दिया है. रामपुर से सपा सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी की मेजबानी में हुई इस बैठक में सम्भल से सांसद डॉ. जियाउर्रहमान बर्क समेत कई अन्य नेता शामिल रहे. तस्वीरों में मैनपुरी सांसद डिंपल यादव भी पारंपरिक साड़ी में नजर आईं, जिसके बाद मस्जिद को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. भाजपा और उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने इसे धार्मिक स्थल का राजनीतिक इस्तेमाल करार देते हुए कड़ी आपत्ति जताई है. वहीं, मौलाना नदवी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह मुलाकात धार्मिक सौहार्द के दायरे में थी, औपचारिक बैठक नहीं थी. भाजपा बेवजह मुद्दा बना रही है. इस मसले ने अब उत्तर प्रदेश की सियासत में गर्मी ला दी है, जहां रामपुर और सम्भल जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में यह बहस और तेज हो गई है.
मस्जिद में नहीं हुई कोई सियासी बैठक: सांसद बर्क समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. जियाउर्रहमान बर्क ने संसद की मस्जिद को लेकर उठे विवाद पर स्पष्ट किया है कि वहां कोई राजनीतिक बैठक नहीं हुई थी. उन्होंने कहा कि मस्जिद के भीतर सिर्फ धार्मिक चर्चा होती है, राजनीतिक बैठकें नहीं. भाजपा के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए बर्क ने कहा कि यह सब जानबूझकर रचा गया प्रोपेगंडा है. सांसद बर्क ने दो टूक कहा कि उनके पास राजनीतिक बैठक के लिए पर्याप्त स्थान हैं, मस्जिद को राजनीति से जोड़ना पूरी तरह अनुचित है. उन्होंने आरोप लगाया कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, भाजपा ध्यान भटकाने के लिए नए-नए मुद्दे उछाल रही है. रामपुर सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी की उस मांग का जिक्र करते हुए बर्क ने कहा कि उन्होंने ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को मस्जिद में आने के लिए आमंत्रित किया था. उन्होंने यह भी जोड़ा कि जब मस्जिदों, मदरसों और खानकाहों को निशाना बनाया जा रहा था, तब भाजपा खामोश थी. आज वही लोग धर्म की राजनीति करके खुद को गौरवशाली साबित करने में जुटे हैं.
भाजपा कर रही राजनीतिकरण की कोशिश: एसटी हसन सपा के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा कि मंदिर और मस्जिद में हर वर्ग का व्यक्ति जा सकता है. अखिलेश यादव मस्जिद गए तो इसमें गलत क्या है? भाजपा इसे बेवजह राजनीतिक रंग दे रही है.
सपा की तुष्टीकरण नीति का एक और उदाहरण:भूपेंद्र चौधरी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा किसावन के पावन माह में मस्जिद में बैठक कर सियासत करना हिंदू समाज की आस्था पर आघात है. सपा का नाम नमाजवादी पार्टी ही ठीक रहेगा. वहीं भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने बताया कि हम दिल्ली की मंत्री और वक्फ बोर्ड से मांग करेंगे कि मोहिबुल्लाह नदवी को इमाम पद से हटाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.