कानपुर में पति-पत्नी के विवाद में 2 साल के बेटे की मौत हो गई. महिला का आरोप है कि बेटे के दिल में छेद था. इलाज की झुंझलाहट में पति ने बच्चे को जमीन पर पटका, जब सिर से खून निकलने लगा तो करीब 8-9 घंटे कमरे में बंद रखा। जिससे उसकी मौत हो गई.
महिला ने कहा- मैं कमरे के बाहर मिन्नतें करती रही, लेकिन दरवाजा नहीं खोला. मायके वाले बेटे को कमरे से निकालकर अस्पताल लेकर गए. एक दिन इलाज के बाद बच्चे ने दम तोड़ दिया. जबकि ससुराल वालों का कहना है कि पति-पत्नी की छीना-झपटी में बच्चा गिरा और उसकी मौत हो गई. पुलिस ने महिला की शिकायत पर पति को हिरासत में ले लिया है. मामला गुरुवार दोपहर का सेन पश्चिमपारा थाना क्षेत्र के सिद्धार्थ नगर का है.
पहले लड़के पक्ष की बात: सिद्धार्थ नगर में रहने वाले मनोज उर्फ मयंक सैनी सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम करता है। मनोज के पिता रामबाबू ने बताया- बेटे की शादी तीन साल पहले दीक्षा से हुई थी. दोनों का 2 साल का बेटा स्वास्तिक था. शादी के 6 महीने बाद ही बहू अक्सर मायके जाने की जिद करती थी. बेटा जब मना करता, तो उससे झगड़ती थी. जब बेटा काम पर चला जाता था, तो बहू दिनभर फोन पर बातचीत करती रहती थी. इस बात को लेकर आय दिन दोनों में लड़ाई होती थी.
रामबाबू ने बताया- पोते स्वास्तिक के दिल में छेद था. जिसका छत्तीसगढ़ के एक अस्पताल से इलाज कराने की तैयारी चल रही थी. गुरुवार को स्वास्तिक को बुखार आ गया था। जिसका दवाई लेने के लिए मनोज और दीक्षा अस्पताल गए थे. अस्पताल से लौटने के बाद बहू मायके जाने की जिद करने लगी. बातों-बातों में विवाद इतना बढ़ गया कि बहू स्वास्तिक को मनोज से छीनने लगी. वह मनोज की गोद में था. इसी छीना झपटी में बच्चा गोद से गिर गया. उसके सिर से खून बहने लगा. हम लोग फौरन बच्चे को प्राइवेट अस्पताल लेकर गए. शुक्रवार शाम करीब 5 बजे बच्चे की मौत हो गई.
महिला पक्ष ने क्या कहा… मामा शोभित सैनी ने बताया- मंगलवार को नागपंचमी के पर्व पर दीदी और भांजे को घर लाने की तैयारी थी। अब भांजे के शव लेकर घर जाना पड़ेगा. बच्चे के पैदा होने के बाद से उसे दिल की बीमारी थी. मनोज जीजा उसका ठीक तरह से इलाज नहीं करा रहे थे. उसकी दवाई में खर्च हो रहे रुपए को भी बहन से मांगता था. बच्चे को पटक कर 8 घंटे कमरे में बंद रखा गुरुवार को बच्चे को बुखार आ रहा था जिसका इलाज कराने के लिए बहन और जीजा अस्पताल गए थे.
अस्पताल से लौटने के बाद भांजा जीजा की गोद में था. बहन बच्चे को दवा देने की तैयारी करने लगी. इस दौरान मनोज ने झल्ला कर बच्चे को गोद से पटक दिया जिससे स्वास्तिक के सिर में चोट लग गई. इसके बाद मनोज ने कमरा बंद कर लिया. मेरी बहन बेटे को अस्पताल ले जाने के लिए घंटों मिन्नतें करती रही. लेकिन उसने दरवाजा नहीं खोला। जिसके बाद बहन से मुझे फोन कर जानकारी दी. जिसके बाद मैं परिजनों के साथ घर पहुंचा और बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया. अगर कमरे में 8-9 घंटे तक बंद न किया होता तो आज मेरा भांजा जिंदा होता.
पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. सेन पश्चिमपारा थाना प्रभारी कुशलपाल सिंह ने बताया कि जानकारी मिलते ही पुलिस टीम को मौके पर भेजा गया. ऐसा लग रहा है कि पिता ने बच्चे को पटका है. अभी तक किसी भी पक्ष ने शिकायत नहीं दी है. पति को थाने लाया गया है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.