यूपी विधानसभा के बजट सत्र आज से शुरू हो गया. राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान विपक्ष के विधायक लगातार नारेबाजी करते रहे. अपने अभिभाषण में राज्यपाल ने राज्य सरकार की उपलब्धियों और नीतियों की चर्चा की. महाकुंभ हादसे में मारे गए लोगों के प्रति शोक संवेदना भी व्यक्त कीं. राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विधानसभा की कार्यवाही को 12:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
इसके पहले विधायकों ने महाकुंभ हादसे और अन्य मुद्दों को लेकर विधानसभा परिसर में हंगामा किया. विपक्षी विधायक हाथों में तख्तियां लेकर पहुंचे. वे चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठ गए थे. विधानसभा बजट सत्र 2025 से पहले उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को विधानमंडल परिसर पहुंचने पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया.
इसके पहले सीएम योगी ने कहा कि आज विधानमंडल की कार्यवाही प्रारंभ होने के साथ ही राज्यपाल द्वारा सदन को संबोधित किया जाएगा. इसके बाद कल से राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में चर्चा भी होगी. 20 फरवरी को सदन में उत्तर प्रदेश का वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश किया जाएगा. सत्र 18 फरवरी से 5 मार्च तक प्रस्तावित किया गया है. उत्तर प्रदेश के इतिहास में ऐसे बहुत कम अवसर आए हैं जब इतने लंबे समय तक सत्र आहूत किया गया हो. लेकिन सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से संपन्न हो, यह केवल सत्ता पक्ष की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि विपक्ष की भी उतनी ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है. सदन चर्चा परिचर्चा का एक मंच बने। पिछले करीब 8 वर्षों में डबल इंजन वाली भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश के विकास के जो मानक स्थापित किए हैं, वे अभूतपूर्व हैं। इसकी झलक अभिभाषण के साथ-साथ सदन के अंदर चर्चाओं के जरिए भी देखने को मिलती है. स्वाभाविक रूप से हताश और निराश विपक्ष इन मुद्दों पर चर्चा करने से भागने की कोशिश करता है और इसमें बाधाएं खड़ी करने की कोशिश करता है सदन की कार्यवाही में विपक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण है. अगर विपक्ष सार्थक चर्चा को आगे बढ़ाने में मदद करता है, तो मेरा अनुमान है कि यह सत्र बहुत अच्छा हो सकता है.
वहीं समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव ने विधानसभा परिसर में पहुंचने पर मीडिया से बातचीत में महाकुंभ को लेकर कहा कि पीआर बढ़ाने के लिए सरकारी धन का दुरुपयोग किया है, ऐसी सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए. 144 साल का उल्लेख ग्रंथों में कहीं नहीं है.