कानपुर में आंधी से निर्माणाधीन मकान की दीवार पड़ोसी के घर की छत पर गिर गई. मलबे के वजन के कारण छत भरभरा कर गिर गई. हादसे में कमरे में सो रहे युवक की मलबे में दबकर मौत हो गई. आठ घंटे बाद सुबह जब परिजन उठे तो उन्हें हादसे की जानकारी हुई. परिजनों ने युवक के शव को बाहर निकाला.
सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. बेटे की मौत से मां का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना बर्रा थाना क्षेत्र में हुई.
शुक्रवार रात आंधी से गिरी थी पड़ोसी की दीवार: बर्रा दो की ईडब्ल्यूएस डबल स्टोरी केबी-2 कॉलोनी निवासी पुष्पा देवी ने बताया कि उनके पति ओमप्रकाश तिवारी की मौत हो चुकी है. घर में उनका बड़ा बेटा सौरभ, उनकी बहू और छोटा बेटा मोनू तिवारी (35) रहते हैं.
बताया कि पड़ोसी मनोज शर्मा तीसरी मंजिल पर काम करवा रहे हैं. शुक्रवार रात में तेज आंधी आई थी। आंधी में उनकी निर्माणाधीन दीवार मेरे घर की पहली मंजिल पर बने कमरे की छत पर गिर गई. शनिवार को पूरा दिन मलबा पड़ा रहा.
शनिवार रात करीब 10 बजे मेरा छोटा बेटा मोनू खाना खाने के बाद ऊपर की मंजिल में बने कमरे में सोने चला गया. इसी बीच रात करीब 11 से 12 के बीच में कमरे की छत भरभरा कर नीचे गिर गई. मुझे लगा कि पड़ोसी के यहां कुछ गिरा है.
सुबह 8 बजे हादसे की हुई जानकारी: रविवार सुबह करीब आठ बजे हम सभी लोग सोकर उठे. मेरा बड़ा बेटा सौरभ ऊपर गया तो देखा कि कमरे की छत गिरी हुई थी. उसके मलबे में मोनू दबा हुआ था. हम लोगों ने उसे आनन फानन में निकाला. मगर उसकी मौत हो चुकी थी.
सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची. बेटे का शव देखकर मां बेसुध हो गई. वहीं उसके भाई और भाभी का रो-रोकर बुरा हाल है. पुष्पा ने बताया कि उनके बेटे की शादी नहीं हुई थी। वह प्राइवेट जॉब करता था.
पड़ोसियों ने मलबा नहीं हटाया, इसलिए मेरे बेटे की जान गई: मां ने कहा- मैंने पड़ोसियों से कहा था कि अब मकान को और ऊंचा न कराओ. कहीं गिर गया तो. मगर पड़ोसी नहीं माने. शुक्रवार को दीवार गिर गई. मैंने मलबा हटाने के लिए कहा. मगर पड़ोसियों ने नहीं सुना. मिस्त्री और लेबरों से भी मलबा हटाने को बोला था. अगर मलबा हटा लिया होता तो शायद मेरे बेटे की जान नहीं जाती.
एडीसीपी साउथ महेश कुमार ने बताया कि छत गिरने से युवक की मौत हुई है. यह महज एक हादसा है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. इलाके के अन्य जर्जर कॉलोनियों की जांच के लिए भी केडीए को पत्र लिखा जाएगा. इससे कि फिर से कोई हादसा न हो.