UP के बस्ती में स्कूल से घर लेकर जा रही स्कूल वैन का पहिया अचानक निकल गया. बच्चों से भरी वैन अनियंत्रित होकर सड़क किनारे गड्ढे में पलट गई. वैन के चारो पहिए ऊपर हो गए. वैन में सवार बच्चे चीखने-चिल्लाने लगे. चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास के लोग जुटे. वैन का शीशा तोड़कर बच्चों को निकाला गया. 108 एम्बुलेंस से घायलों को सीएचसी गौर पहुंचाया गया. यहां पर बच्चों का प्राथमिक उपचार हुआ. दो बच्चों की हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. मौके पर पहुंची पैकोलिया पुलिस ने वैन को कब्जे में लिया और जांच पड़ताल शुरू कर दिया.
पैकोलिया थानाक्षेत्र के बभनान गौर मार्ग पर बीवीएस पब्लिक स्कूल बभनान स्थित है. यहां से बच्चों को घर ले जा रही स्कूली वैन का पहिया निकलने से हादसा हो गया. वैन अनियंत्रित होकर सड़क किनारे गड्ढे में पलट गई. बच्चों के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर पास में चल रहे रामचरित मानस पाठ में शामिल लोग मौके पर पहुंचे. काफी प्रयास के बाद स्थानीय लोगों ने स्कूली वैन को सीधा किया. इसके बाद वैन के खिड़कियों में लगे शीशों को तोड़ कर एक-एक कर बच्चों को बाहर निकाला.
घटना की सूचना पर थानाध्यक्ष गौर गजेंद्र प्रताप सिंह व प्रभारी निरीक्षक पैकोलिया धर्मेंद्र कुमार यादव के साथ मौके पर पहुंचे. पुलिस कर्मियों ने घटना के पहलुओं की जांच की और बच्चों का कुशलक्षेम जाना. चिकित्सक डॉ. प्रवीन पटेल ने बच्चों का प्राथमिक उपचार किया. गौर थानाक्षेत्र के जयतापुर निवासी विनोद सिंह के पुत्र विधान सिंह कक्षा तीन व पुत्री अन्नया सिंह कक्षा एक के सिर में गंभीर चोट को देखते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. डॉ. प्रवीन पटेल ने बताया कि अन्य बच्चों को हल्की चोटें आई हैं. बच्चे हादसे से घबरा गए हैं। दो बच्चों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है.
छात्र रितेश ने टोका था, गाड़ी लहरा रही है: बीवीएस पब्लिक स्कूल बभनान में कक्षा छह में पढ़ने वाले वैन में सवार रितेश ने घटना से पहले चालक से कहा कि आज वैन ठीक नहीं चल रही है. वैन चलते समय हिल रही है. उसने कहा कि जैसे भूकंप आ रहा है. चालक ने रितेश की बातों को नजरंदाज कर दिया. रितेश की बात को गंभीरता से लेता तो घटना टल जाती.
हादसे के बाद रो रहे थे घबराए बच्चे: स्कूली वैन के पलटते ही बच्चों के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर रामापुर व कोठवा गांव के लोग भारी संख्या में पहुंच गए. कोठवा निवासी दिनेश सिंह ने बताया कि बच्चे चीख रहे थे. अंकल मेरे भाई को तो कोई मेरी बहन को बचा लो. बच्चों की करुण पुकार सुनकर मन द्रवित हो गया. वैन में सवार कक्षा दस की एक छात्रा असरा अंजुम थी. इसके अलावा वैन में 11 बच्चे सवार थे, जो यूकेजी से कक्षा पांच तक के थे. असरा अंजुम सभी घबराए बच्चों को संभाल रही थी.