UP के आगरा में हुई एक अविश्वसनीय घटनाक्रम के मुताबिक 10 साल का बेटा अपने पिता को मगरमच्छ के मुंह से बचा लाया. शुक्रवार को चंबल नदी के किनारे किसान के साथ यह घटना हुई. हमले में किसान का पैर बुरी तरह जख्मी हो गया है। उसे घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. थाना बासौनी क्षेत्र के अंतर्गत गांव झरनापुरा निवासी बंटू उर्फ वीरभान (36) पुत्र भगवान सिंह शुक्रवार सुबह बकरी व पशुओं को चराने के लिए चंबल नदी किनारे गया था. वह चंबल नदी किनारे लेट गया था तभी नदी की तरफ से आये मगरमच्छ ने उसके पैर को जबड़े में जकड़ लिया और नदी की ओर खींचकर ले जाने लगा.
पास ही उसका 10 साल का बेटा अजय भी था. उसके हाथ में लाठी थी। उसने लाठी से मगरमच्छ का डटकर मुकाबला किया. करीब 20 मिनट तक बेटा और उसका पिता मगरमच्छ से जान बचाने के लिए जूझते रहे. चीख पुकार की आवाज सुन आसपास खेतों में काम कर रहे किसान भी लाठी-डंडे लेकर दौड़ पड़े और मगरमच्छ को खदेड़ दिया. मगरमच्छ के हमले में बंटू का पैर गंभीर रूप से घायल हो गया. सूचना पर पहुंचे परिजन युवक को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बाह लेकर पहुंचे जहां उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों से आगरा रेफर कर दिया.
बेटे ने लगा दी नदी में छलांग: पिता को मौत के मुंह में जाते देख उसके बेटे अजय ने आव देखा न ताव डंडा लेकर नदी में ही कूद गया. उसने मगरमच्छ पर डंडे से लगातार वार किए। इस पर मगरमच्छ ने बंटू को छोड़ दिया.
ग्रामीणों ने की बच्चे की सराहना: पिता, मगरमच्छ के मुंह से छूटकर बेटे के साथ बाहर आया तो ग्रामीणों ने बच्चे की पीठ थपथपाई. बंटू का पैर बुरी तरह जख्मी होने के चलते उसे तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. जहां उसका इलाज जारी है.