संसद के बगल की मस्जिद में अखिलेश यादव और उनके सांसदों की कथित मीटिंग पर विवाद बढ़ता जा रहा है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अखिलेश को नमाजवादी बताया. कहा- संविधान में साफ लिखा है कि हम धर्म का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए नहीं करेंगे. लेकिन सपा मुखिया हमेशा संविधान का उल्लंघन करते रहे है. उन्हें संविधान पर कोई भरोसा नहीं है.
अखिलेश ने डिप्टी सीएम के बयान पर पलटवार किया. कहा- आस्था जोड़ती है. जो आस्था जोड़ने का काम करती है, हम उसके साथ हैं, लेकिन भाजपा चाहती है कि कोई न जुड़े, दूरियां बनी रहें. हम सभी धर्मों में आस्था रखते हैं. भाजपा का हथियार धर्म है. दरअसल, मंगलवार को जब सदन की कार्यवाही स्थगित हुई, तब अखिलेश यादव अपने सांसदों के साथ बैठे थे. उसी दौरान रामपुर से सांसद मोहिबुल्ला नदवी ने उस मस्जिद के बारे में बताया, जहां वे इमाम हैं. इस पर अखिलेश ने पूछा कि मस्जिद यहां से कितनी दूर है. जवाब में मोहिबुल्ला नदवी ने कहा- बस सड़क के उस पार है. कार्यवाही स्थगित होने के कारण अखिलेश यादव अपने सांसदों के साथ नदवी के साथ मस्जिद देखने चले गए. कुछ देर तक सभी वहां रुके थे.
अखिलेश मंगलवार को मस्जिद गए थे. उसकी तस्वीरें सांसद धर्मेंद्र यादव ने X पर शेयर कीं. जमाल सिद्दीकी बोले- मोहिबुल्ला नदवी को इमाम पद से हटाया जाए भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा- मस्जिद को सपा कार्यालय की तरह इस्तेमाल किया गया. उन्होंने दिल्ली की मंत्री रेखा गुप्ता और दिल्ली वक्फ बोर्ड से मोहिबुल्ला नदवी को मस्जिद के इमाम पद से हटाने की मांग की. संसद के अंदर और बाहर यूपी के सांसदों ने क्या-क्या कहा, किस मुद्दे पर बात की.