सावन शिवरात्रि भगवान शिव के भक्तों के लिए बेहद खास दिन होता है. यह हर साल सावन महीने की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव की उपासना के लिए मनाया जाता है. इस साल सावन शिवरात्रि बुधवार, 23 जुलाई यानी आज मनाई जा रही है. महाशिवरात्रि के बाद यह शिव जी की पूजा का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है.
वैसे तो, पूरा सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और हर दिन शिव जी की पूजा-अर्चना से जुड़ा होता है. लेकिन, सावन की यह शिवरात्रि भक्तों के लिए खास इसलिए है क्योंकि इस दिन की पूजा से आध्यात्मिक विकास होता है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
सावन शिवरात्रि पर जलाभिषेक के शुभ मुहूर्त
सावन की शिवरात्रि पर जलाभिषेक के लिए कई शुभ मुहूर्त हैं. इन शुभ मुहूर्तों में महादेव का गंगाजल से जलाभिषेक किया जा सकता है और पूजा की जा सकती है. आइन उन सभी शुभ मुहूर्तों को देखें.
शिवलिंग पर जलाभिषेक करने का शुभ मुहूर्त सुबह 5.37 बजे से लेकर 7.20 बजे तक है.
शिवलिंग पर जलाभिषेक करने का शुभ मुहूर्त शाम 5.35 बजे से लेकर 7.17 बजे तक है जो लाभ मुहूर्त है.
इसके बाद जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त सुबह 10.45 बजे से लेकर दोपहर 12.27 बजे तक है.
इसके अलावा चल मुहूर्त में जलाभिषेक दोपहर 3.52 बजे से लेकर शाम 5.35 बजे तक है.
सावन शिवरात्रि के पूजन मुहूर्त
शिवरात्रि पर निशिता काल और चार पहर की पूजा का विशेष महत्व होता है जिसमें भगवान शिव का पूजन किया जाता है.
प्रथम पहर के पूजन का समय आज शाम 7 बजकर 26 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 6 मिनट तक रहेगा. उसके बाद दूसरे पहर का पूजन मुहूर्त आज रात 10 बजकर 6 मिनट से लेकर 24 जुलाई की रात 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. फिर, तीसरे पहर का पूजन मुहूर्त 24 जुलाई की रात 12 बजकर 46 मिनट से लेकर सुबह 3 बजकर 27 मिनट तक रहेगा और चौथा पहर का पूजन मुहूर्त 24 जुलाई को सुबह 3 बजकर 27 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 7 मिनट तक रहेगा.
निशिता काल का समय- 24 जुलाई यानी कल रात 12 बजकर 25 मिनट से लेकर 1 बजकर 08 मिनट तक रहेगा.
सावन शिवरात्रि पूजन विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सफाई से तैयार होकर शिव मंदिर जाएं. इसके अलावा, इस दिन भगवान शिव के नाम का उपवास रखा जाता है. जिसमें फल, दूध या पानी का सेवन किया जाता है और रोटी, नमक आदि से परहेज किया जाता है. पूरे दिन भक्ति भाव से मंत्रों का स्मरण और पूजा-आराधना की जाती है.
साथ ही, इस पावन दिन पर बेलपत्र, धतूरा, भांग, जल, दूध आदि वस्तुएं शिवलिंग पर चढ़ाई जाती हैं. यह दिन अपने मन को शुद्ध करने और भगवान शिव से आशीर्वाद पाने का सबसे अच्छा मौका होता है. सावन शिवरात्रि न केवल खुद को आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनाने का अवसर है, बल्कि खुशियों, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति का शुभ दिन भी है.
सावन शिवरात्रि महत्व
सावन शिवरात्रि पूरे देश में बहुत ही धूमधाम और भव्यता के साथ मनाई जाती है. काशी विश्वनाथ और बद्रीनाथ धाम जैसे प्रसिद्ध शिव मंदिर इस दौरान भक्तों के लिए विशेष पूजा और दर्शन की व्यवस्था करते हैं और यहां पर गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है. वहीं, उत्तरी राज्यों उत्तराखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और बिहार में सावन शिवरात्रि अधिक लोकप्रिय है.