कानपुर में पुलिसकर्मी बनकर छापेमारी करने वाला गैंग पकड़ा गया. यह गैंग फिल्मी स्टाइल में पुलिस की तरह अपराधियों के यहां पर छापेमारी करता था.
हूटर लगी गाड़ी और पुलिस की वर्दी में लोगों के घर पहुंचता. फिर उनके साथ मारपीट करता। बड़े मामले में फंसाने की धमकी देता और फिर लाखों रुपए वसूल कर छोड़ देता था.
शनिवार को भी इन लोगों ने रावतपुर थाना क्षेत्र के एक घर में इसी तरह से डरा-धमकाकर वसूली की लेकिन, पीड़ित ने पुलिस को सूचना दे दी। इस पर असली पुलिस पहुंच गई और 5 आरोपी पकड़े गए.
इस गिरोह में एक ट्रैफिक दरोगा, होमगार्ड और महिला पीआरडी जवान भी शामिल है. ये तीनों असली पुलिसकर्मी हैं, जो गैंग बनाकर लूट करते थे. वहीं, पुलिस के आने पर दरोगा मौका देखकर फरार हो गया. पूरे मामले का मास्टरमाइंड दरोगा को ही बताया जा रहा है. यह गैंग अब तक 8-10 घरों में वारदात कर चुका है.
पुलिस का लोगो लगी कार, वर्दी पहनकर पहुंचते थे: पुलिस के अनुसार, 17 मई को ये लोग रावतपुर निवासी अंबिका सिंह चंदेल के घर पहुंचे लेकिन, अंबिका के घर वालों ने पुलिस को सूचना दी कि उनके घर 8-10 लोग घुस आए हैं. ये लोग अपने आपको STF का बता रहे हैं. सभी पुलिस की वर्दी में हैं। उनकी प्राइवेट गाड़ी में पुलिस के लोगो के साथ हूटर भी लगा है.
अंबिका सिंह ने बताया कि इन लोगों ने मेरे अलावा मेरी भाभी, भतीजी और उसकी सहेली से घर में घुसकर लाठी-डंडों से मारपीट की. हम लोगों को फर्जी मामले में जेल भेजने की धमकी दी. डरा-धमकाकर हमसे 1 लाख 40 हजार नगद और 30 हजार ऑनलाइन ट्रांसफर करा लिए.
सूचना के बाद पुलिस जब तक अंबिका के घर पहुंची, तब तक सभी आरोपी भाग चुके थे लेकिन, पुलिस ने बदमाशों का पीछा कर 5 लोगों को हिरासत में ले लिया. रविवार को सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया.
क्राइम ब्रांच और एसओजी के अफसर बनकर करते थे वसूली: पुलिस के अनुसार, ये लोग क्राइम ब्रांच और एसओजी के अफसर बनकर अपराधियों और अवैध धंधा करने वालों के यहां छापेमारी करते थे. इसके लिए इन लोगों ने पूरा रैकेट बना रखा था। गैंग को लीड करने का काम ट्रैफिक दरोगा ही करता था.
इसमें एक कॉन्स्टेबल, होमगार्ड और महिला समेत 6 लोग शामिल हैं. गैंग ने इसके पहले हनुमंत बिहार थाना क्षेत्र के उस्मानपुर में छापेमारी करके ढाई लाख रुपए वसूले थे. अब यह रावतपुर में छापेमारी के बाद 1.50 लाख ले आए, तभी पकड़े गए.
होमगार्ड समेत पांच आरोपी गिरफ्तार: पुलिस ने गिरोह के जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें एक होमगार्ड राजीव दीक्षित, महिला पीआरडी जवान वर्षा चौहान, अरविंद शुक्ला, अनिरुद्ध सिंह ,अनुज शामिल हैं. मुख्य आरोपी और कानपुर में ही तैनात ट्रैफिक सब-इंस्पेक्टर अजीत यादव मौके से फरार हो गया. पुलिस ने बताया कि ट्रैफिक में तैनाती के दौरान दरोगा, होमगार्ड और पीआरडी जवान की मुलाकात हुई थी. यहीं पर इन लोगों ने अच्छी पर्सनैलिटी वाले और 5 लोगों को भी अपने गिरोह में शामिल कर लिया था.
डीसीपी वेस्ट दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि ये लोग असली पुलिस की तरह वर्दी पहनकर ऐसे घरों या स्थानों में छापेमारी करते थे, जहां से आसानी से वसूली हो जाए. इसके लिए किसी बार या फिर जुआं खेलने वाली जगह को चिह्नित करते थे. फिलहाल दरोगा, होमगार्ड और पीआरडी जवान को सस्पेंड कर दिया गया है. जल्दी ही दरोगा को गिरफ्तार किया जाएगा.