हेयर ट्रांसप्लांट के बाद दो इंजीनियरों की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. दोनों ने ही कानपुर की रहने वाली डॉक्टर अनुष्का तिवारी से हेयर ट्रांसप्ंलाट कराया था. परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने डॉक्टर को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया लेकिन अभी तक वह सामने नहीं आई हैं. अब तो उनकी डिग्री पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं.
दो कमरों में चलता है क्लिनिक: डॉक्टर अनुष्का तिवारी कानपुर के केशवनगर में एम्पायर नाम से क्लिनिक चलाती थी. जो चार मंजिला कॉम्प्लेक्स में ग्राउंड फ्लोर पर स्थित है. यही बाहर उनका बोर्ड लगा था. जिस पर डेंटल, हेयर और एस्थेटिक्स लिखा था. इंजीनियर विनीत की मौत के बाद से यहां ताला लगा है और बोर्ड भी हटा दिया गया है. कॉम्प्लेक्स की सुरक्षा के लिए तैनात गार्ड ने बताया कि कुछ दिन से डॉक्टर नहीं आ रही हैं. इस कारण क्लिनिक पर ताला लटका हुआ है. बताया जा रहा है इसी क्लिनिक पर ही डॉक्टर अनुष्का के पति भी बैठते थे. वह दांतों के डॉक्टर बताए जा रहे हैं. हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है.
MBBS की डिग्री तक नहीं? वैसे इस घटना के बाद से डॉक्टर अनुष्का की डिग्री पर भी सवाल उठ रहे हैं कि वह हेयर ट्रांसप्लांट कर भी सकती थीं या नहीं. चर्चा तो ये भी है कि उसके पास MBBS तक की डिग्री नहीं है. वह डेंटिस्ट हैं. वैसे इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है. इस पूरे प्रकरण की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जब वो पूछताछ के लिए पेश होंगी तो उनकी डिग्री का सबूत मांगा जाएगा. एक रोडियो के कार्यक्रम में डॉक्टर अनुष्का ने खुद को डर्मेटोलॉजी बताया था. उस कार्यक्रम में उन्होंने बालों के झड़ने से जुड़ी कई बेसिक बातें बताईं थीं.
कौन कर सकता है हेयर ट्रांसप्लांट: स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक हेयर ट्रांसप्लांट MD (Dermatology) त्वचा और बालों से संबंधित विशेषज्ञता या MS (General Surgery) या MCh (Plastic Surgery) सर्जरी करने की योग्यता देता है. ये डिग्रियाँ हेयर ट्रांसप्लांट करने के लिए सबसे मान्य और विश्वसनीय मानी जाती हैं. इसके अलावा हेयर ट्रांसप्लांट की तकनीकों में प्रशिक्षण (FUE, FUT आदि) आवश्यक होती है. इसके लिए डॉक्टर अलग से कोर्स या वर्कशॉप करते हैं. BAMS, BHMS या अन्य पैथी वाले लोग कानूनी रूप से हेयर ट्रांसप्लांट नहीं कर सकते. बिना सर्जिकल डिग्री वाले व्यक्ति द्वारा हेयर ट्रांसप्लांट करवाना खतरनाक हो सकता है और यह कानूनन अपराध भी हो सकता है.
हेयर ट्रांसप्लांट से पहले ध्यान रखने योग्य बातें
– डॉक्टर की योग्यता जरूर जांचें. डॉक्टर के पासMD (Dermatology) या MS/MCh (Plastic Surgery) की डिग्री होनी चाहिए.
– मेडिकल काउंसिल में पंजीकरण जरूरी है.
– डॉक्टर का अनुभव पूछें. अब तक कितने ट्रांसप्लांट किए हैं
क्लिनिक की मान्यता और सुविधाएं
– क्लिनिक को राज्य सरकार या संबंधित मेडिकल अथॉरिटी से लाइसेंस प्राप्त होना चाहिए.
– क्लिनिक में आपातकालीन सुविधा और आधुनिक उपकरण होने चाहिए.
– फायर सेफ्टी, इंफेक्शन कंट्रोल आदि की व्यवस्था हो.
– संभावित साइड इफेक्ट्स, रिकवरी टाइम, और कॉस्ट ब्रेकअप समझें.
– डॉक्टर के साथ काम करने वाले टेक्नीशियन भी प्रशिक्षित और अनुभवी होने चाहिए.
– ट्रांसप्लांट केवल डॉक्टर द्वारा ही किया जाना चाहिए. केवल टेक्नीशियन द्वारा किया गया प्रोसीजर अवैध है.
सावधानी बरतें अगर…
– क्लिनिक बहुत सस्ता पैकेज दे रहा हो.
-डॉक्टर का नाम/चेहरा वेबसाइट या क्लिनिक पर स्पष्ट नहीं हो.
-ट्रांसप्लांट बिना जांच किए तुरंत कराने को कहें.
डॉक्टर अनुष्का से इलाज के दौरान विनीत दुबे की मौत: इंजीनियर विनीत दुबे की पत्नी जया दुबे ने 9 मई को रावतपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उनके पति विनीत दुबे ने रावतपुर क्षेत्र में स्थित डॉक्टर अनुष्का तिवारी के क्लिनिक में हेयर ट्रांसप्लांट कराया. प्रक्रिया के दौरान इंजेक्शन लगने के बाद उनकी हालत बिगड़ गई और चेहरे पर सूजन आ गई. उन्हें रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इन्फेक्शन बढ़ने से 15 मार्च को उनकी मृत्यु हो गई. जया दुबे ने बताया कि इस दौरान डॉक्टर ने उन्हें फोन कर अपनी पहचान छुपाते हुए बताया कि उनके पति की तबीयत बिगड़ गई है. जया का आरोप है कि उनके पति की मौत गलत इलाज और लापरवाही से हुई है. जया दुबे का कहना है कि उनके पति ने हेयर ट्रांसप्लांट के लिए पूरी फीस चुकाई थी, इसके बावजूद डॉक्टर ने लापरवाही की, जिससे उनके पति की मौत हो गई. उन्होंने डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
फर्रुखाबाद के इंजीनियर ने भी कराया था अनुष्का से इलाज: विनीत का मामला सुर्खियों में आने के बाद अब इसी डॉक्टर अनुष्का तिवारी पर एक और गंभीर आरोप लगा है. फर्रुखाबाद निवासी इंजीनियर मयंक कटिहार की मां प्रमोदिनी कटिहार और भाई कुशाग्र कटिहार मंगलवार को कानपुर पहुंचे और उन्होंने मीडिया टीम से मिलकर अपना दुख साझा किया.
परिजनों के मुताबिक, मयंक ने 18 नवंबर 2024 को डॉक्टर अनुष्का के क्लिनिक में हेयर ट्रांसप्लांट करवाया. इलाज के बाद डॉक्टर ने सिर्फ एक दर्द की दवा देकर मयंक को घर भेज दिया. रास्ते में ही मयंक को सिर में तेज दर्द हुआ और घर पहुंचते ही उसकी हालत और बिगड़ने लगी. चेहरा सूजने लगा, आंखें बाहर निकलने जैसी हो गईं. मयंक लगातार डॉक्टर अनुष्का को फोन करता रहा, लेकिन डॉक्टर हर बार यही कहती रहीं कि ‘सब ठीक है’ और कोई घबराने की जरूरत नहीं है. परिजनों ने भी बार-बार डॉक्टर से संपर्क किया, लेकिन डॉक्टर ने न तो सही सलाह दी और न ही किसी अस्पताल ले जाने को कहा. जब मयंक की हालत और बिगड़ी, तो डॉक्टर ने कहा कि किसी कार्डियोलॉजिस्ट को दिखा दो.
परिजन उसे फर्रुखाबाद के कार्डियोलॉजिस्ट के पास ले गए, जहां से बताया गया कि मयंक को कोई हार्ट से जुड़ी बीमारी नहीं है. जब यह बात डॉक्टर अनुष्का को बताई गई, तो उन्होंने कहा ठीक है, फिर हमारे पास ले आओ. लेकिन कुछ ही देर बाद 19 नवंबर की सुबह करीब 10 बजे मयंक की मौत हो गई.
मां प्रमोदिनी कटिहार ने रोते हुए बताया, मेरा बेटा बार-बार फोन करके कह रहा था मां दर्द बहुत हो रहा है, लेकिन डॉक्टर ने सिर्फ बहलाया. मेरे बेटे की जान ले ली इस लापरवाही ने. सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि मयंक की मौत के बाद डॉक्टर ने परिजनों के नंबर ब्लॉक कर दिए और अपना फोन स्विच ऑफ कर लिया. परिजनों का कहना है कि इलाज के नाम पर डॉक्टर ने मोटी फीस ली, लेकिन इलाज में गंभीर लापरवाही बरती.