जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी नागरिकों को जारी शॉर्ट टर्म वीजा रद्द कर दिए हैं. इसके बाद कानपुर में भी इंटेलिजेंस ब्यूरो और एलआईयू ने पाकिस्तान नागरिकों का रिकॉर्ड खंगाला. इसमें कई पाकिस्तानी नागरिक गायब मिले हैं.
एलआईयू सिर्फ लांग टर्म वीजा लेकर 50 पाकिस्तान नागरिकों के शहर में होने और समय से पासपोर्ट रिन्यू कराने व किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल न होने की वजह से सुकून में है. अब विदेश मंत्रालय के देश में मौजूद सभी पाकिस्तानी मुस्लिम नागरिकों का वीजा निरस्त कर दिया है. ऐसा करने के बाद उसके लिए लापता नागरिकों को तलाशने की चुनौती खड़ी होने वाली है. फिलहाल ईपीआर वीजा के चलते खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों को यह नहीं मालूम है कि लापता पाकिस्तानी नागरिक किस शहर में हैं और किस शहर में इनके कौन-कौन और कितने रिश्तेदार हैं.
पुलिस के पास इनका रिकॉर्ड तक नहीं
खास बात यह है कि कानपुर पुलिस के पास इनका रिकॉर्ड तक नहीं है. दरअसल, वर्ष 2007 में भारत पाकिस्तान के बीच क्रिकेट शृंखला हुई थी. मैच देखने आए तमाम पाक नागरिकों में से 32 अपने वतन वापस लौटे ही नहीं. ये सभी इक्जम्पटेड फॉर पुलिस रिपोर्ट (ईपीआर) पर थे. उन्हें किसी भी जिले में जाने पर पुलिस या एलआईयू को खबर नहीं देनी थी. इसी का फायदा उठाते हुए ये अचानक कहीं लापता हो गए. तलाश शुरू हुई तो पुलिस को सिर्फ चार लोग मिले, जिन्हें वापस पाकिस्तान भेज दिया गया, लेकिन 28 का आजतक पता नहीं चला.
50 पाकिस्तानी लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रहे
एलआईयू के रिकार्ड के मुताबिक, शहर में शॉर्ट टर्म वीजा वाला कोई भी पाकिस्तानी नागरिक नहीं रह रहा है, जबकि 50 पाकिस्तानी नागरिक लॉन्ग टर्म विजा पर शहर में रह रहे हैं. वहीं, पुलिस के पास उन लापता 28 नागरिकों के बारे में कोई जानकारी नहीं है जो साल 2005 में आए तो भारत-पाकिस्तान मैच देखने थे, लेकिन इसके बाद गुम हो गए. हैरानी की बात है कि कानपुर पुलिस के पास इनका रिकॉर्ड भी नहीं है.
2005 में हुआ था भारत-पाकिस्तान का मैच
ता दें कि साल 2005 में भारत पाकिस्तान के बीच वन क्रिकेट मैच की श्रृंखला हुई थी. इसका एक मैच कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में खेला गया था. मैच देखने आए तमाम पाक नागरिकों में से 32 अपने वतन वापस लौटे ही नहीं. ये सभी इक्जम्पटेड फॉर पुलिस रिपोर्ट पर थे. उन्हें किसी भी जिले में जाने पर पुलिस या एलआईयू को खबर नहीं देनी थी. इसी का फायदा उठाते हुए ये अचानक कहीं लापता हो गए. तलाश शुरू हुई तो पुलिस को सिर्फ चार लोग मिले, जिन्हें वापस पाकिस्तान भेज दिया गया, लेकिन 28 का आज तक पता नहीं चला.