जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर बातचीत की है. प्रधानमंत्री ने शाह से उचित कदम उठाने को कहा है. प्रधानमंत्री ने शाह को घटनास्थल का दौरा करने के लिए कहा है. वहीं, दूसरी ओर शाह ने आपात बैठक बुलाई है. जिसमें आईबी के गृह सचिव और गृह मंत्रालय के दूसरे अधिकारी मौजूद रहे. जम्मू-कश्मीर के डीजीपी वर्चुअली इस मीटिंग में जुड़े. आतंकी हमले में अब तक एक शख्स की मौत हो चुकी है. 12 लोग घायल हुए, जिसमें चार की हालत गंभीर है.
पहलगाम के बैसरन में यह आतंकी घटना दोपहर के करीब 2 बजकर 30 मिनट पर हुई. जब घुड़सवारी कर रहे पर्यटक पहाड़ के ऊपर थे. तभी अचानक आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. पर्यटकों को संभलने का मौका भी नहीं मिला.
प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के बीच क्या बातचीत हुई?
प्रधानमंत्री इस समय सऊदी अरब के दौरे पर हैं. फोन पर हुई बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने शाह को सभी उपयुक्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. प्रधानमंत्री ने शाह को घटनास्थल का दौरा करने को भी कहा है. इसके बाद अमित शाह केंद्र शासित प्रदेश के लिए रवाना हो गए.
प्रधानमंत्रा मोदी ने की आतंकी घटना की निंदा
पहलगाम आतंकी हमले पर किसने क्या कहा?
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आतंकी हमले की निंदा की है. अब्दुल्ला ने पहलगाम में हुए हमले को लेकर कहा कि वह स्तब्ध हैं. पर्यटकों पर किया गया हमला बेहद घृणित है. इस हमले के अपराधी दरिंदे हैं, अमानवीय हैं और तिरस्कार के पात्र हैं. श्रीनगर से लौट रहा हूं. घायल लोगों की निगरानी करने के लिए मेरे सहयोगी अस्पताल पहुंच चुके हैं.
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की. महबूबा ने कहा कि हमारी संवेदनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ है.
बीजेपी नेता रविंदर रैना ने पहलगाम में हुआ आतंकी हमला को कायराना बताया है. रविंदर ने कहा कि पाकिस्तान के आतंकी भारतीय सुरक्षाबलों का सामना नहीं कर सकते, इसलिए निहत्थे और मासूम पर्यटकों को निशाना बनाया.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकी हमले की निंदा की है. निर्दोष लोगों पर हुए हमले को कायरतापूर्ण बताया.
आतंकी हमले की किसने ली जिम्मेदारी? ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ यानी टीआरएफ ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है. पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों के इशारे पर काम कर रहा टीआरएफ पिछले कुछ साल से जम्मू-कश्मीर में लगातार हमले कर रहा है.