ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का निधन हो गया है. 88 साल की उम्र में उनका निधन हुआ. वेटिकन ने उनके निधन की पुष्टि की. वह लंबे समय से बीमार थे.
वेटिकन ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि वह रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी धर्मगुरु थे. उनके दोनों फेफड़ों में न्यूमोनिया था, जिसकी वजह से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी. वह लंबे समय तक अस्पताल में थे वह 38 दिनों तक अस्पताल में रहे थे और हाल में ही अस्पताल से डिस्चार्ज हुए थे. उनका अपने आवास कासा सेंटा मार्टा (Casa Santa Marta) पर निधन हुआ.
Pope Francis died on Easter Monday, April 21, 2025, at the age of 88 at his residence in the Vatican’s Casa Santa Marta. pic.twitter.com/jUIkbplVi2
— Vatican News (@VaticanNews) April 21, 2025
पोप फ्रांसिस ने रविवार को ईस्टर के मौके पर सरप्राइज पब्लिक एपीयरेंस दी थी. उन्होंने सेंट पीटर स्क्वायर से 35000 लोगों की भीड़ का हाथ मिलाकर अभिवादन स्वीकार किया था. वेटिकन के कार्डिनल केविन फेरेल ने बताया कि पोप फ्रांसिस का पूरा जीवन ईश्वर की सेवा में समर्पित रहा.
उनका जन्म अर्जेंटीना में हुआ था और उनका नाम जॉर्ज मारियो बेर्गोलियो था. पोप फ्रांसिस 2013 से इस पद पर थे. पोप बेनेडिक्ट XVI के इस्तीफे के बाद उन्होंने यह पद संभाला था. कार्डिनल ने उन्हें 266वें पोप के रूप में चुना था. यह पहला मौका था, जब किसी गैर यूरोपीय को पोप बनाया गया था.
पोप फ्रांसिस को उनकी सादगी के लिए जाना जाता था. वह व्यक्तिगत रूप से गरीबों और हाशिए पर रहने वालों से मिलते थे. उन्होंने गरीबी, असमानता और आप्रवासियों के अधिकारों पर जोर दिया था. उन्होंने कैथोलिक चर्च में वित्तीय पारदर्शिता पर जोर दिया था.
De Buenos Aires à Rome, le Pape François voulait que l’Église apporte la joie et l’espoir aux plus pauvres. Qu’elle unisse les Hommes entre eux et avec la nature. Puisse cette espérance ressusciter sans cesse au-delà de lui.
À tous les Catholiques,… pic.twitter.com/oFKBJwaweH
— Emmanuel Macron (@EmmanuelMacron) April 21, 2025
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने पोप के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि ब्यूनस आर्यस से रोम तक पोप फ्रांसिस चाहते थे कि चर्च गरीबों के लिए उम्मीद और खुशियां लेकर आए. यह लोगों को एक दूसरे से जोड़ें. ईश्वर करे यह उम्मीद उनके बाद भी यूं ही जारी रहे. इस दुख की घड़ी में मेरी पत्नी और मेरी शुभकामनाएं सभी कैथोलिक लोगों और शोकसंतप्त दुनिया के साथ है.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल G7 समिट में पोप फ्रांसिस से मुलाकात की थी और उन्हें भारत आने का न्योता दिया था. कहा जा रहा था कि वह इस साल के अंत में भारत आ सकते थे.