वैशाख का पवित्र महीना रविवार, 13 अप्रैल यानी आज से शुरू हो रहा है. वैशाख हिंदू पंचांग का दूसरा महीना है. वैशाख का संबंध विशाखा नक्षत्र से है. इसलिए इसे वैशाख का महीना कहा जाता है. इस महीने को धन और पुण्य प्राप्ति के लिए बहुत उत्तम माना जाता है. इस महीने में पूजा-उपासना बहुत ही फलदायी होते है. भगवान विष्णु और परशुराम की उपासना इस महीने अत्यंत फलदायी होती है. इस बार वैशाख का महीना 13 अप्रैल से शुरू होकर 12 मई तक रहने वाला है.
सर्व श्रेष्ठ मास क्यों? पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऋषि नारद ने वैशाख को तीन सबसे शुभ महीनों (कार्तिक, माघ और वैशाख) में सर्वोत्तम बताया है. स्कंद पुराण में कहा गया है कि इन महीनों में किए गए स्नान, दान और पूजा से पिछले जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं. वैशाख मास जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है. वैशाख मास को माधव मास भी कहा जाता है.इस माह को एक पवित्र माह के रूप में माना जाता है। जिनका संबंध देव अवतारों और धार्मिक परंपराओं से है. ऐसा माना जाता है कि इस माह के शुक्ल पक्ष को अक्षय तृतीया के दिन विष्णु अवतारों नर-नारायण, परशुराम, नरसिंह, भगवान बुद्ध और ह्ययग्रीव के अवतार हुआ और शुक्ल पक्ष की नवमी को देवी सीता धरती से प्रकट हुई.
भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है कि मुझे मार्गशीर्ष और वैशाख का महीना सबसे प्रिय है. मान्यताओं के अनुसार त्रेतायुग की शुरुआत भी वैशाख माह से हुई है. इस माह की पवित्रता और दिव्यता के कारण ही वैशाख माह की तिथियों का सम्बंध लोक परंपराओं में अनेक देव मंदिरों के पट खोलने और महोत्सवों के मनाने के साथ जोड़ दिया गया. यही कारण है कि हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध मंदिर श्री केदारनाथ के कपाट वैशाख माह की अक्षय तृतीया को खुलते हैं..इसी वैशाख के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को हिन्दू तीर्थ धाम पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा भी निकलती है.
वैशाख में आने वाले पर्व-त्योहार: वैशाख में कई बड़े पर्व-त्योहार आते हैं. इसी महीने धन और सुख-समृद्धि प्राप्त करने का शुभ समय होता है. इसे महीने अक्षय तृतीया आती है, जिसमें सोना खरीदना और दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है. वैशाख स्नान यानी पवित्र नदियों में स्नान आत्मा को शुद्ध करता है. यदि आस-पास नदी न हो तो घर में गंगाजल मिलाकर स्नान करना भी उत्तम होता है.
वैशाख में आने वाले व्रत-त्योहारों की लिस्ट-
13 अप्रैल 2025- वैशाख माह की शुरुआत
14 अप्रैल 2025- मेष संक्रांति
16 अप्रैल 2025- संकष्टी चतुर्थी
24 अप्रैल 2025- वरुथिनी एकादशी
25 अप्रैल 2025- प्रदोष व्रत (कृष्ण)
26 अप्रैल 2025- मासिक शिवरात्रि
27 अप्रैल 2025- वैशाख अमावस्या
30 अप्रैल 2025- अक्षय तृतीया
01 मई 2025- विनायक चतुर्थी
03 मई 2025- गंगा सप्तमी
05 मई 2025- सीता नवमी
08 मई 2025- मोहिनी एकादशी
09 मई 2025- प्रदोष व्रत
11 मई 2025- नरसिंह जयंती
12 मई 2025- बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख पूर्णिमा व्रत
13 मई 2025- नारद जयंती, ज्येष्ठा माह शुरू
वैशाख माह में क्या करें? वैशाख माह में सुबह-सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करें और भगवान विष्णु की पूजा करें. तुलसी पौधे और पीपल के पड़े की पूजा करनी चाहिए. गरीबों को पानी, कपड़े और भोजन, दान आदि करें. गीता पाठ करें और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें.