चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होने वाले नवरात्र पर्व की शुरुआत धूमधाम से हुई. कानपुर के सभी छोटे–बड़े देवी मंदिरों में सुबह भोर पहर से ही श्रद्धालुओं की लंबी–लंबी कतारें लगी दिखाई पड़ी. मां दुर्गा के जयकारों के साथ मंदिर पल–पल मे गुंजायमान होते रहे हाथों में मां के सोलह शृंगार की सामग्री, प्रसाद की थाली लिए महिलाएं घंटों लाइन में लगी रही लेकिन उनके उत्साह में कोई कमी नजर नहीं आयी. भक्तों ने धूप, दीप प्रज्वलित कर मां भगवती की आरती उतारकर परिवार की सुख समृद्धि और कल्याण की कामना की.
आज से चैत्र नवरात्र का शुभारंभ हो चुका है, जिसका 6 अप्रैल को समापन होगा. यह 8 दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की भव्य पूजा को समर्पित हैं. आज सुबह 5 बजे से बिरहाना रोड स्थित तपेश्वरी देवी, बुद्धा देवी, जूही स्थित मां बारादेवी, किदवई नगर स्थित जंगली देवी, दामोदर नगर स्थित मां वैष्णो देवी, गोविंद नगर स्थित दुर्गा मंदिर में श्रद्धालुओं की आस्था का सैलाब देखने को मिला.
हाथों में लाल चुनरी, चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी, काजल, बिछिया, इत्र, मांग टीका समेत 16 श्रृंगार का सामान लिए महिलाएं जयकारे लगाती हुई मंदिर पहुंची. कई–कई घंटों तक लाइन में लगने के बाद श्रद्धालुओं ने मां शैलपुत्री के स्वरूप की विधि विधान से पूजा के बाद भोग लगाया. मनोकामना मांग श्रद्धालुओं ने मां के दरबार मे चुनरी की गांठ लगाई.
हाथी पर विराजमान होकर मानव कल्याण के लिए धरती पर आई मां दुर्गा की नौ दिनों तक उपासना से साधक की सभी समस्याएं समाप्त होती हैं, घरों में सुबह शुभ मुहूर्त में मिट्टी के पात्र में कलश स्थापना के साथ हवन–पूजन किए गए. महिलाओं ने पान सुपारी अर्पित कर मां को विराजमान होने के निमंत्रण दिया. इसके बाद अखंड ज्योति जलाकर दुर्गा सप्तशती का पाठ किया. साथ ही लौंग–कपूर का दीप प्रज्जवलित कर मां भवानी की आरती उतारी.
देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बेरीकेडिंग की व्यवस्था की गई है. श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सभी मंदिरों से सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है. इसके साथ ही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती के साथ स्काउट गाइड वालंटियर्स भी तैनात किए गए हैं.