UPमें बांदा के फूटाकुआं मोहल्ले में सोमवार की रात मच्छर भगाने के चक्कर में 80 वर्षीय वृद्धा जिंदा जल गईं. इसकी जानकारी देर रात तब हुई, जब उनका बेटा किसी काम से उठा. अंदर के कमरे में सोए परिवार के किसी भी सदस्य को वृद्धा की चीख तक नहीं सुनाई पड़ी. पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. शहर कोतवाली क्षेत्र के फूटाकुओं मोहल्ला निवासी 80 वर्षीय बुधिया पत्नी स्वर्गीय सेवकदीन कैंसर से पीड़ित थीं. सोमवार की रात परिवार के साथ खाना खाने के बाद अपने कमरे में सो गईं. मच्छर भगाने के लिए उनकी चारपाई के पास कंडा सुलगाया गया था.
देर रात सुलगते कंडे से उनके चारपाई और बिस्तर ने आग पकड़ ली. आग से घिरी वृद्धा की जिंदा जलने से मौत हो गई. अंदर के कमरे में परिवार के साथ सोया छोटा बेटा राजकुमार रात करीब दो बजे उठा तो मां के कमरे से धुआं निकलते देखा. दरवाजा खोलकर अंदर गया तो बिस्तर पर मां को झुलसा देख चीख पड़ा. शोर सुनकर परिवार के अन्य सदस्य और आसपास के लोग जुट गए. स्थानीय लोगों ने सूचना पुलिस को दी. सूचना पर पहुंची पुलिस पूछताछ और जांच-पड़ताल के बाद शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा. शहर कोतवाली प्रभारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि मच्छर भागने को सुलगाई आग से लगी आग की चपेट में आकर वृद्धा की मौत हुई है.
कमरे में थे आठ लोग पर: वृद्धा बाहर के कमरे सोई थी. उसके दो बेटे राजकुमार और बलवंता परिवार के कुल आठ लोग के साथ अंदर के कमरे में थे. आग में वृद्धा तड़प-तड़पकर जलकर मर गई. पर कमरे के अंदर सोए किसी भी सदस्य को न तो वृद्धा की आवाज सुनाई दी, न ही बाहर के कमरे में लगा धुआं ही लगा. मृतका के बेटे राजकुमार ने बताया कि मां को कैंसर था. पेट दर्द से पीड़ित थीं. काफी इलाज करवाया. लेकिन फायदा नहीं हुआ. कानपुर में दिखाया गया, तब पता चला कि पेट में ट्यूमर है. खून की कमी के कारण ऑपरेशन नहीं कराया था.
दर्द की गोलियां खाकर सोती थीं वृद्धा: बेटे ने बताया कि मां दर्द की गोलियां खाकर सोती थीं. मच्छरदानी लगाने पर उनकी सांस फूलती थी. मच्छर भगाने के लिए उनके बगल तसले में कंडा सुलगाते थे. वह चारपाई में पड़ी रहती थी और बोल भी नहीं पाती थी. बोल पाने में असमर्थ होने की वजह से आग से घिरने पर आवाज भी नहीं लगा पाई. बलवंता ने बताया कि वह लोग पांच भाई हैं. बड़ा भाई बलराम कबरई में किसानी करता है. दयाराम चमरौड़ी चौराहे में रह कर वेल्डिंग का काम करता है. राजकुमार, बलवंता, दुलारे तीनों राजमिस्त्री हैं.