फतेहपुर भाजपा जिला अध्यक्ष ने पद दिलाने के नाम पर लिए 50 लाख, जांच में सही पाए गए आरोप

भारतीय जनता पार्टी के फतेहपुर के मौजूदा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल की मुश्किलें बढ़ना तय है. उनके ऊपर पद के बदले पैसा लेने के गंभीर आरोप लगे थे. इस मामले में पार्टी के प्रदेश नेतृत्व द्वारा जांच कराई गई थी. जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट नेतृत्व को सौंप दी है. इसमें आरोपों को सही पाया गया है. ऐसे में मुखलाल पाल की जिलाध्यक्ष पद की दावेदारी तो खत्म हो ही गई, उन पर कार्रवाई की तलवार भी लटक रही है. इस पर फैसला प्रदेश नेतृत्व को लेना है.

मामला किसी आयोग या निगम में चेयरमैन पद दिलाने का था. इसके लिए कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र के युवा मोर्चा के पूर्व क्षेत्रीय मंत्री अजित कुमार गुप्ता ने भाजपा जिलाध्यक्ष को पैसे दिए थे. इसकी लिखित शिकायत बांदा निवासी अजित ने भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल सहित प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी व महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह को भी भेजी थी. इसमें जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल पर पद दिलाने के नाम पर 50 लाख रुपये देने का आरोप लगाया गया था. हालांकि कुछ पार्टी पदाधिकारियों ने 40 लाख रुपये दिए जाने की बात कही. आरोप था कि पैसा पार्टी फंड के नाम पर लिया गया था, मगर खुद ही रख लिया. लिखित शिकायत के अलावा इस मामले में ऑडियो भी वायरल हुए थे. कहा तो .यह भी जा रहा है कि शिकायतकर्ता ने लेन-देन का कोई वीडियो भी बना लिया था.

भारतीय जनता पार्टी के फतेहपुर के मौजूदा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल की मुश्किलें बढ़ना तय है. उनके ऊपर पद के बदले पैसा लेने के गंभीर आरोप लगे थे. इस मामले में पार्टी के प्रदेश नेतृत्व द्वारा जांच कराई गई थी. जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट नेतृत्व को सौंप दी है. इसमें आरोपों को सही पाया गया है. ऐसे में मुखलाल पाल की जिलाध्यक्ष पद की दावेदारी तो खत्म हो ही गई, उन पर कार्रवाई की तलवार भी लटक रही है. इस पर फैसला प्रदेश नेतृत्व को लेना है.

पैसे वापस मांगे तो दिया संगठन में पद का भरोसा: इस ऑडियो में यह कहते सुना जा रहा है कि चेयरमैन ही बनवाइएगा, उपाध्यक्ष नहीं. कोई बढ़िया आयोग दिलाइएगा. इस पर आश्वासन मिलता है कि चिंता करने की जरूरत नहीं है. जो कहा है, वही होगा। पार्टी सूत्रों की मानें कि जब अजित का किसी आयोग या निगम में समायोजन नहीं हुआ तो उन्होंने पैसे वापस मांगे। इस पर उन्हें संगठन में पद दिलाने का भरोसा दिलाया गया मगर वो भी नहीं हुआ. इसके बाद स्थानीय नेताओं से लेकर प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर तक शिकायतों का सिलसिला शुरू हुआ. तब प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री अनूप गुप्ता की अगुवाई में तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई गई. इसमें राम प्रताप चौहान व शंकर लाल लोधी शामिल थे. समिति ने जांच में आरोपों को सही पाया है. इसकी रिपोर्ट भी प्रदेश नेतृत्व को सौंप दी है. हालांकि जिलाध्यक्ष पाल ऑडियो को फर्जी बताते हुए फॉरेंसिक जांच की मांग कर रहे हैं.

आरोपों में घिरे नेताओं की बढ़ी बेचैनी: इस विवाद के चलते फतेहपुर में जिलाध्यक्ष पद का मामला भी उलझ गया है. मुखलाल पाल एक बार के ही जिलाध्यक्ष हैं. ऐसे में वे रिपीट भी हो सकते थे, मगर इस विवाद के चलते अब उनकी पद से विदाई के साथ ही पार्टी से निष्कासन भी हो सकता है. अब देखना यह है कि प्रदेश नेतृत्व इस जांच रिपोर्ट का कब संज्ञान लेता है. इस मामले ने लेनदेन के आरोपों में फंसे पार्टी के अन्य नेताओं के कान भी खड़े कर दिए हैं. निकाय चुनाव में ऐसे मामले खूब चर्चा में आए थे.

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