वास्तु शास्त्र एक ऐसा विज्ञान है, जो हमें बताता है कि सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाने के लिए कौन सी चीज घर में कहां रखनी चाहिए. कहते हैं कि जो व्यक्ति वास्तु नियमों का पालन नहीं करता, उसे हमेशा कोई न कोई संकट बना रहता है और वह आर्थिक तंगी का शिकार होता है. आज हम घर के मंदिर से जुड़े वास्तु नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं. हमारा पूजा ऐसी जगह होती है, जहां से निकली सकारात्मक ऊर्जा पूरे घर को सुख-समृद्धि से भर देती है. वहां पर हमें हमेशा शुद्ध-सात्विक चीजें ही रखनी चाहिए. कई बार लोग अनजाने में ऐसी चीजें रख देते हैं, जो परिवार में कलह बढ़ाने और करियर में तरक्की में बाधक बन जाते हैं. आइए जानते हैं कि वे चीजें कौन सी हैं.
पूजा घर में किन चीजों को नहीं रखना चाहिए?
प्लास्टिक या लोहे के बर्तन में गंगाजल: सनातन धर्म में गंगाजल को बहुत पवित्र माना जाता है. उसे हमेशा कांसे या तांबे के बर्तन में भरकर रखना चाहिए. लेकिन कई लोग उसे प्लास्टिक या लोहे के बर्तन में भरकर पूजाघर में रख देते हैं. ऐसा करना मां गंगा का अपमान जाता है, जिसका अशुभ प्रभाव जातक को सालभर भुगतना पड़ता है.
मृत पूर्वजों की तस्वीरें: वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर में मृत परिजनों की तस्वीर कभी नहीं रखना चाहिए. असल में पूजा घर देवी-देवताओं की आराधना की जगह होती है. वहां पर किसी भी मनुष्य की तस्वीर या प्रतिमा नहीं रखी जा सकती. ऐसा करना देवालय का अपमान माना जाता है. आप चाहें तो उनके लिए अलग स्थान बना लें लेकिन भूलकर भी मंदिर में न रखें.
खंडित प्रतिमाएं: सनातन धर्म के विद्वानों के अनुसार, घर के देवालय में गलती से भी टूटी मूर्तियां या खराब हो चुकी देवी-देवताओं की तस्वीर नहीं रखनी चाहिए. ऐसी खंडित प्रतिमाओं को पूजाघर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और परिवार संकट में घिरता है. इसके बजाय उन्हें सम्मान के साथ बहते जल में प्रवाहित कर देना चाहिए.
विषम संख्या में गणपति की प्रतिमा: वास्तु नियमों के तहत घर के मंदिर में भूलकर भी गणपति की 3, 5 या अन्य विषम संख्या में प्रतिमा नहीं रखनी चाहिए. ऐसा करना अशुभ माना जाता है और इससे पूजा का लाभ नहीं मिलता है. इसके बजाय आप घर के मंदिर में भगवान गणेश की एक या दो ही प्रतिमा रखें. ज्यादा प्रतिमा रखने से नुकसान झेलना पड़ता है.