आज 14 मार्च 2025 को होली का पर्व पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. इस वर्ष होली के दिन खगोलीय घटनाओं का विशेष संयोग बन रहा है. 14 मार्च को चंद्र ग्रहण है, हालांकि यह भारत में दृश्य नहीं होगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा. इसके अतिरिक्त, सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे खरमास की अवधि आरंभ होगी, जो 13 अप्रैल तक चलेगी. खरमास के दौरान विवाह, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं, लेकिन पूजा-पाठ और दान-पुण्य के कार्य शुभ माने जाते हैं. इन खगोलीय परिवर्तनों का विभिन्न राशियों पर भी विशेष प्रभाव पड़ेगा.
फाल्गुन पूर्णिमा को ‘वसंत पूर्णिमा’ और ‘दोल पूर्णिमा’ के नाम से जाना जाता है. इस बार फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत 13 मार्च को रखा गया है, लेकिन स्नान-दान करने की शुभ तिथि 14 मार्च यानी आज है. फाल्गुन पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की उपासना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा का उपवास रखने से मनुष्य के दुखों का नाश होता है और उस पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है. वहीं आज होली का त्योहार मनाया जा रहा है.
फाल्गुन पूर्णिमा शुभ मुहूर्त: उदयातिथि के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा 14 मार्च यानी आज मनाई जा रही है. फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि 13 मार्च यानी कल सुबह 10 बजकर 35 मिनट से शुरू हो चुकी है और तिथि का समापन 14 मार्च यानी आज दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर होगा.
स्नान दान का समय- सुबह 4 बजकर 55 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 44 मिनट तक
फाल्गुन पूर्णिमा पूजन विधि: पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल किसी पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में स्नान करें और उपवास का संकल्प लें. सुबह सूर्योदय से लेकर शाम को चंद्र दर्शन तक उपवास रखें. रात्रि में चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए. इस दिन स्नान, दान और भगवान का ध्यान करें. नारद पुराण के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा को लकड़ी व उपलों को एकत्रित करना चाहिए. हवन के बाद विधिपूर्वक होलिका पर लकड़ी डालकर उसमें आग लगा देना चाहिए. होलिका की परिक्रमा करते हुए हर्ष और उत्सव मनाना चाहिए.
फाल्गुन पूर्णिमा महत्व: फाल्गुन पूर्णिमा, हिन्दु चन्द्र वर्ष की अंतिम पूर्णिमा तिथि है, अतः इस दिन भी उपवास का पालन किया जाता है. हिन्दुओं का सर्वाधिक लोकप्रिय एवं महत्वपूर्ण उत्सव होली भी फाल्गुन पूर्णिमा पर ही मनाया जाता है. फाल्गुन पूर्णिमा, सम्पत्ति एवं समृद्धि की देवी लक्ष्मी का जन्मदिवस भी है, जिसे लक्ष्मी जयन्ती के रूप में मनाया जाता है. फाल्गुन पूर्णिमा को वसंत पूर्णिमा और डोल पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है.
फाल्गुन पूर्णिमा उपाय
1. सफल दाम्पत्य जीवन के लिए फाल्गुन पूर्णिमा को पति-पत्नी में कोई भी चन्द्रमा को दूध का अर्घ्य अवश्य ही दें.
2. फाल्गुन पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी के चित्र पर 11 कौड़ियां चढ़ाकर उन पर हल्दी से तिलक करें. अगले दिन सुबह इन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रखें. इस उपाय से घर में धन की कोई भी कमी नहीं होती है.
3. फाल्गुन पूर्णिमा के दिन मंदिर में जाकर लक्ष्मी को इत्र और सुगन्धित अगरबत्ती अर्पण करनी चाहिए. धन, सुख समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी से अपने घर में स्थाई रूप से निवास करने की प्रार्थना करें.