UP के संभल में सांप्रदायिक दंगों की आंच की वजह से 46 वर्षों से भले ही होली के त्यौहार पर तमाम बंदिशे रही हो, लेकिन इन 46 वर्षों में संभल की होली के रंग गुलाल के कारोबार ने देश विदेश में अपनी खास पहचान बनाई है. संभल के आर्गेनिक हर्बल रंग और गुलाल देश ही नहीं विदेश में भी होली को रंगों से सराबोर कर रहे हैं. इस बार होली को राम मय बनाने के लिए भगवा रंग भी तैयार किया गया है.
संभल के हर्बल रंगों की दुनिया में डिमांड
संभल की रंग फैक्ट्रियों में होली के लिए खास तौर पर मक्का के आटे, फूलों की खुशबू से तैयार किए जाने वाले आर्गेनिक हर्बल रंग और गुलाल की यूपी ही नहीं चेन्नई, असम, गुवाहाटी, हरियाणा, दिल्ली सहित लगभग 8 राज्यों में डिमांड बढ़ी है. पिछले 46 वर्षों से रंग कारोबार से जुड़े कारोबारी ने इस बार होली के लिए खास तौर से 15 तरह के आर्गेनिक हर्बल गुलाल तैयार किए हैं. होली के लिए इन हर्बल गुलाल और रंगो की देश विदेश में भारी डिमांड है.
8 राज्यों में डिमांड बढ़ी
संभल में रंग कारोबार से जुड़े कारोबारी हर्ष गुप्ता ने बताया कि पिछले 46 वर्षों से संभल की होली के रंग और गुलाल के कारोबार ने देश विदेश में खास पहचान बनाई है. संभल की रंग फैक्ट्रियों में तैयार आर्गेनिक हर्बल रंग और गुलाल की होली के मौके पर यूपी समेत देश के 8 राज्यों और कई देशों में भारी डिमांड रहती है.
मक्के के आटे से तैयार किया गया रंग
होली पर तैयार रंग सेहत को नुकसान न पहुंचाएं, इसलिए खास तौर से मक्का के आटे, आरारोट और फूलों की खुशबू से आर्गेनिक हर्बल रंग और गुलाल तैयार किया जाता है. पिछले वर्षों तक होली खेलने के लिए सिर्फ 5 तरह के कलर के गुलाल ही बनाए जाते थे, लेकिन इस बार 15 तरह के रंग के हर्बल गुलाल तैयार किए गए हैं. होली खेलने के लिए इस बार कई नए रंग भी तैयार किए गए हैं. रंग कारोबारी हर्ष गुप्ता ने सेना के लिए भी खास तौर से तिरंगा रंग वतन का रंग तैयार किया है.