कांग्रेस और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लखनऊ की अदालत में एक बार फिर बुधवार को पेश नहीं हुए. इससे कोर्ट नाराज हो गया और उन पर 200 रुपए का जुर्माना लगाने के साथ ही अगली तारीख पर पेश होने का आदेश दिया. कोर्ट ने अगली सुनवाई पर भी नहीं पेश होने पर कठोर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है. राहुल गांधी ने वीर सावरकर को लेकर बयान दिया था. इस बयान को समाज में वैमनस्यता फैलाने और घृणा फैलाने वाला बताते हुए राहुल गांधी के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की गई है. इसकी सुनवाई अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने हो रही है. अगली सुनवाई के लिए 14 मार्च की तारीख दी गई है.
कोर्ट में याचिका दायर करने वाले नृपेंद्र पांडेय के अनुसार राहुल गांधी ने 17 दिसंबर 2022 को महाराष्ट्र के अकोला में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर विवादित बयान दिया था. उन्होंने सावरकर को ‘अंग्रेजों का नौकर’ और ‘पेंशन लेने वाला’ कहा था। राहुल गांधी का बयान समाज में वैमनस्य और घृणा फैलाने की मंशा से दिया गया था. कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहले से तैयार पर्चे भी पत्रकारों के बीच वितरित किए गए थे. बयान के बाद राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) और 505 के तहत मामला दर्ज करने की मांग की गई थी.
क्यों पेश नहीं हो सके राहुल गांधी राहुल गांधी के वकील प्रांशु अग्रवाल ने पेशी से छूट की अर्जी दाखिल करते हुए कहा कि वह इस समय लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं. आज उनकी मुलाकात विदेशी गणमान्य लोगों से पूर्व निर्धारित थी. अन्य आधिकारिक कार्यों में व्यस्त होने के कारण राहुल अदालत में उपस्थित नहीं हो सके. यह भी कहा कि वह अदालत के आदेशों का सम्मान करते हैं और जानबूझकर पेशी से बचने का प्रयास नहीं कर रहे हैं.
वकील की दलील सुनने के बाद भी अदालत ने राहुल गांधी की अनुपस्थिति को हल्के में न लेते हुए 200 रुपए का जुर्माना लगाया. इसके साथ ही 14 अप्रैल 2025 को अनिवार्य रूप से पेश होने का आदेश दिया. अदालत ने कहा कि यदि राहुल गांधी अगली सुनवाई में भी अनुपस्थित रहते हैं तो गैर-जमानती वारंट जारी किया जा सकता है.