भगवान शिव और मां पार्वती को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत के दिन पूजा अर्चना करने के बारे में बताया जाता है. अगर इस दिन सुबह उठकर व्रत का संकल्प करें और शुभ मुहूर्त में भगवान शंकर की पूजा करें तो भगवान कृपा करेंगे और अपने साधक को विशेष फल भी देंगे. आइए जाने कि मार्च महीने में पड़ने वाला पहला प्रदोष व्रत (First Pradosh Vrat March 2025) कब रखा जाएगा और इस दिन पूजा करने का क्या शुभ मुहूर्त और पूजा विधि है.
प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग को देखें तो पता चलता है कि फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली त्रयोदशी तिथि 11 मार्च को सुबह के 08 बजकर 13 मिनट पर शुरू हो रही है व इसका समापन 12 मार्च (Kab Hai Pradosh Vrat 2025) को सुबह के 09 बजकर 11 मिनट पर हो रही है. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार 11 मार्च को प्रदोष व्रत रखा जाएगा. प्रदोष व्रत में महादेव की पूजा शाम में की जाती है.
प्रदोष व्रत पूजा के शुभ मुहूर्त
अगर प्रदोष व्रत के दिन पूजा करनी है तो शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखें. शाम को 06 बजकर 27 मिनट से लेकर 08 बजकर 53 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है. इसके अलावा अन्य मुहूर्तों के बारे में भी आइए जान लेते हैं-
-सुबह के 04 बजकर 58 मिनट से लेकर 05 बजकर 47 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त रहेगा.
-दोपहर के 02 बजकर 30 मिनट से लेकर 03 बजकर 17 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा.
-शाम के 06 बजकर 25 मिनट से लेकर 06 बजकर 49 मिनट तक गोधूलि मुहूर्त रहेगा.
-रात्रि के 12 बजकर 06 मिनट से लेकर 12 बजकर 55 मिनट तक निशिता मुहूर्त रहेगा.
प्रदोष व्रत पूजा विधि
-प्रदोष व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएं और महादेव का ध्यान करें.
-स्नान करने के बाद शुद्ध जल से सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें.
-अब शिवलिंग का पूरे मन से अभिषेक करें.
-शिवलिंग पर चंदन अर्पित करें, भस्म लगाएं.
-अब महादेव को खीर, दही आदि भोग में अर्पित करें.
-देसी घी का दीया जलाएं और आरती करें.
-इसके बाद महादेव का ध्यान कर उनको समर्पित मंत्रों का जाप करें.
-भोग का प्रसाद लोगों में बांट दें.