कानपुर के गोविंद नगर थाने के मालखाने से 41.30 लाख रुपए कैश, जेवरात और मोबाइल गायब हो गए। मामले में मालखाने के पूर्व इंचार्ज का नाम सामने आया है.
कुछ महीने पहले मालखाने के इंचार्ज का लखनऊ ट्रांसफर हो गया. उन्हें चौक थाने में दरोगा बनाया गया लेकिन वह मालखाने के नए इंचार्ज को चार्ज सौंपने को तैयार नहीं थे. वह काफी समय से आना-कानी कर रहे थे.
अधिकारियों ने जब सख्ती दिखाई तब पूर्व इंचार्ज ने नए इंचार्ज को मालखाने का चार्ज सौंपा. हालांकि जब सामान का मिलान किया गया, तो 41.30 लाख कैश, जेवरात समेत अन्य सामान गायब मिले. गोविंद नगर थाना प्रभारी प्रदीप कुमार सिंह ने मालखाने के पूर्व दीवान और इंचार्ज दिनेश चंद्र तिवारी के खिलाफ FIR दर्ज कराई है.
अपनी शिकायत में थाना प्रभारी ने आरोप लगाया कि 22 अक्तूबर 2020 से 17 अक्तूबर 2022 तक गोविंद नगर थाने में मालखाना मुहर्रिर के पद पर दिनेश चंद्र तिवारी तैनात थे. दिनेश चंद्र अब मौजूदा समय में थाना कोतवाली चौक लखनऊ में तैनात हैं.
ट्रांसफर होने के बाद भी वह मालखाने का चार्ज मौजूदा समय के मालखाना इंचार्ज को नहीं सौंप रहे थे. कई बार नोटिस जारी करने के बाद भी वह चार्ज देने नहीं आए. इसके बाद 7 अगस्त 2024 को मालखाने का चार्ज देने के लिए गोविंद नगर थाने में अपनी आमद दर्ज कराई.
क्योंकि एक-एक माल का मिलान करके और लिखापढ़ी के बाद ही चार्ज सौंपना होता है. ये कई दिन की प्रक्रिया होती है. दरोगा दिनेश चन्द्र तिवारी मौजूदा इंचार्ज हेड कॉन्स्टेबल अजय कुमार को मालगृह खोलकर मालखाना के माल का चार्ज आदान-प्रदान कर रहे थे.
जब सभी सामानों को गिनती और मिलान हो गया तो उसमें 41.30 लाख की नगदी, जेवरात और अन्य समान नहीं मिला. तब ये मामला अधिकारियों तक पहुंचा. इसके बाद दरोगा दिनेश चंद्र तिवारी के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया.
मामले में एडीसीपी साउथ महेश कुमार ने बताया कि गोविंद नगर थाने के मालखाने से कैश, जेवरात और कीमती सामान गायब मिला है. पूर्व मालखाना मुहर्रिर दरोगा दिनेश चंद्र तिवारी के खिलाफ FIR दर्ज करके जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है. जल्द ही आरोपी के खिलाफ विभागीय एक्शन लिया जाएगा. इससे संबंधित एक रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर को भी भेज दी गई है.