नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बीती रात मची भगदड़ के दौरान महावीर एनक्लेव पार्ट वन की रहने वाली नर्स पूनम की दर्दनाक मौत हो गई. पूनम अपनी दो सहेलियों के साथ प्रयागराज में स्नान के लिए रवाना हुई थीं, लेकिन स्टेशन पर अचानक हुई भगदड़ ने उनकी जिंदगी छीन ली. इस घटना के बाद से उनके परिवार में कोहराम मचा हुआ है और वे सरकार से न्याय और सहायता की गुहार लगा रहे हैं.
परिजनों के मुताबिक, पूनम और उनकी सहेलियों का ट्रेन में रिजर्वेशन नहीं था. वे रात को प्रयागराज जाने के लिए ट्रेन पकड़ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंची थीं. उनकी पहली ट्रेन रात 8:00 बजे छूट गई, जिसके बाद वे रात 9:00 बजे की ट्रेन पकड़ने का प्रयास कर रही थीं. इसी दौरान पूनम ने अपने बेटे से फोन पर संपर्क किया और बताया कि स्टेशन पर बहुत भीड़ है और वह घर लौटने का विचार कर रही हैं.
परिजन रातभर भटकते रहे
हालांकि, इसके बाद उनका फोन बंद हो गया और कुछ देर बाद जब परिवार वालों ने संपर्क करने की कोशिश की, तो कोई जवाब नहीं मिला. रात होते-होते खबर आई कि स्टेशन पर भगदड़ मच गई थी और कई लोग इसमें घायल हो गए थे. जब पूनम से कोई संपर्क नहीं हुआ, तो उनके पति वीरेंद्र और बेटा अक्षित रात 10 बजे से लेकर सुबह 3 बजे तक एक नहीं बल्कि कई अस्पतालों के चक्कर काटते रहे.
परिवार वालों का कहना है कि वे आरएमएल अस्पताल, लेडी हार्डिंग अस्पताल, रेलवे अस्पताल और अन्य कई स्थानों पर गए. लेकिन कहीं भी पूनम का पता नहीं चला. अस्पताल प्रशासन से भी उन्हें कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल रही थी और वे पूरी रात धक्के खाते रहे. आखिरकार, जब उन्हें जानकारी मिली तो पता चला कि भगदड़ के दौरान पूनम की मौत हो चुकी थी.
परिवार की दर्दनाक व्यथा
पूनम के पति वीरेंद्र ने बताया कि उनका बेटा अक्षित पूरी रात अपनी मां को खोजता रहा लेकिन कोई भी सही जानकारी देने वाला नहीं था. परिजनों का कहना है कि अगर प्रशासन सही समय पर जानकारी दे देता, तो शायद उनकी परेशानी कम हो सकती थी. अब परिवार सरकार से मदद की गुहार लगा रहा है और घटना की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा है. वे चाहते हैं कि भगदड़ के असली कारणों का पता लगाया जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.