बसंत पंचमी को वसंत पंचमी और सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. बसंत पंचमी 2 फरवरी यानी आज मनाई जा रही है. बसंत पंचमी से बसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है और यह दिन माता सरस्वती को समर्पित किया गया है. माता सरस्वती को विद्या, ज्ञान, कला और संगीत की देवी मानी जाती हैं. इस बार बसंत पंचमी बहुत ही खास मानी जा रही है क्योंकि 144 साल बाद इस दिन महाकुंभ का चौथा शाही स्नान होने जा रहा है. जिसके कारण इस दिन माता सरस्वती का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा.
बसंत पंचमी शुभ मुहूर्त
बसंत पंचमी की पंचमी तिथि की शुरुआत 2 फरवरी यानी आज सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 3 फरवरी यानी कल सुबह 6 बजकर 52 मिनट पर होगा.
बसंत पंचमी पर माता सरस्वती की पूजा का मुहूर्त- 2 फरवरी यानी आज सुबह 7 बजकर 09 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा. इस दिन पूजा के लिए सिर्फ 5 घंटे 26 मिनट का समय मिलेगा.
बसंत पंचमी स्नान-दान शुभ मुहूर्त
बसंत पंचमी का पूरा दिन बहुत ही शुभ माना जाता है. आज शाही स्नान के लिए सुबह 5 बजकर 24 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 16 मिनट तक का मुहूर्त रहेगा, जिसमें स्नान किया जा सकता है.
बसंत पंचमी शुभ योग
वैसे तो, बसंत पंचमी बहुत ही खास मानी जा रही है क्योंकि आज महाकुंभ का शाही स्नान होगा. लेकिन, आज शुभ योग, सिद्ध योग, उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र और रेवती नक्षत्र का संयोग बनने जा रहा है.
बसंत पंचमी पूजन विधि
इस दिन पीले, बसंती और सफेद वस्त्र धारण करें, काले या लाल वस्त्र नहीं. इसके बाद पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुख करके पूजा की शुरुआत करें. सूर्योदय के बाद ढाई घंटे या सूर्यास्त के बाद के ढाई घंटे का प्रयोग इस पूजन के लिए करें. फिर, मां सरस्वती को श्वेत चंदन और पीले, सफेद फूल दाएं हाथ से अर्पित करें. प्रसाद में मिश्री, दही और लावा अर्पित करें, केसर मिश्रित खीर अर्पित करना सर्वोत्तम होगा. उसके बाद मां सरस्वती के मूल मंत्र ‘ऊं ऐं सरस्वत्यै नम:’ का जाप करें, जाप के बाद प्रसाद ग्रहण करें.
बसंत पंचमी के दिन करें ये काम
1. बसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्तों में से एक माना गया है ऐसे में आप इस दिन कोई भी शुभ काम बिना मुहूर्त देखें कर सकते हैं.
2. इस दिन कई ऐसे भी शुभ काम की जानी चाहिए जिससे आपको मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त हो सके.
3. कहा जाता है मां सरस्वती हमारे हथेलियों में वास करती हैं. ऐसे में बसंत पंचमी के दिन सुबह उठते ही अपनी हथेलियों को अवश्य देखें. ऐसा करने से आपको मां सरस्वती का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होगा.
4. बसंत पंचमी के दिन यदि आप शिक्षा से संबंधित चीजों का दान करते हैं तो भी आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी.
करें अपनी राशि अनुसार दान
मेष :- उड़द की दाल, चने की दाल, काला ऊनी वस्त्र, खिचड़ी, हरी सब्जियां.
वृष :- चने की दाल, खिचड़ी, ऊनी वस्त्र, लाल मसूर की दाल, पीला फल, पंचांग.
मिथुन:- लाल मसूर की दाल, काला तिल, खिचड़ी, दो रंगा कंबल. ताम्र पात्र.
कर्क :- काला या हरा वस्त्र, काली उरद, काला तिल, खिचड़ी, छाता.
सिंह :- ऊनी वस्त्र, सफेद वस्त्र, चावल, चीनी, खिचड़ी, छाता, तांबे का पात्र, घी.
कन्या :- गुड़, जूता, काला वस्त्र या कंबल, लाल मसूर की दाल, ताम्र पात्र.
तुला :- चने की दाल, पीला या दो रंगा वस्त्र, खिचड़ी, उरद, पंचांग.
वृश्चिक :- घी, दही, चूड़ा, श्रृंगार की सामग्री, हरा वस्त्र, काला या दो रंगा कम्बल.
धनु :- घी. दही. चांदी पात्र, चावल, चीनी, सफेद वस्त्र, खिचड़ी. गौ दान. काला तिल.
मकर :- पीला फल, पीला चावल, स्वर्ण, पञ्चाङ्ग, गुड़, ताम्र पात्र.
कुम्भ :- दही, घी, चूड़ा, शक्कर. चावल, खिचड़ी, सफेद वस्त्र.
मीन :- उड़द की दाल, गुड, काला तिल, खिचड़ी, जूता, कंबल, ऊनी वस्त्र, ताम्र पात्र, चाँदी पात्र.