उत्तर प्रदेश सरकार ने उन सरकारी डॉक्टरों पर चाबुक चलाने का निर्णय लिया जो तनख्वाह तो सरकार से लेते है लेकिन चलाते है अपनी दुकान। ऐसे सैकड़ों-हजारों की संख्या में डॉक्टर है जो सरकार आँखों में ना केवल धूल झोंक रहे बल्कि गुंडई से UP सरकार और माननीय उच्च न्यायलय के आदेशों की धाज्जियाँ उड़ा रहे है लेकिन दुर्भाग्य से उन पर अभी तक कोई कारगर कार्रवाई ना होने से उनके हौसले बुलंद हैं.
ऐसा ही मामला कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सीनियर प्रोफेसर बी.पी प्रियदर्शी का है जिनका एक वीडियो इन दिनों वायरल हो रहा है जिसमें ये जनाब पास के निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करते कैमरे में कैद हो गए, अब सवाल ये उठ रहा है कि निजी अस्पताल में सरकारी डॉक्टर साहब कौन सी प्रैक्टिस कर रहे हैं, क्या इन पर सरकार कोई कार्रवाई करेगी ?
सरकारी अस्पतालों में आम इंसान की बेहतरी के लिए तमाम दावे किये है कि आम लोगों के लिए सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर हर समय उपलब्ध है लेकिन जहां जनता घंटों लाइन में लगी रहती है सरकारी अस्पताओं में डॉक्टर ठीक से देखते तक नहीं है वहीं दूसरी तरफ अपना समय ये डॉक्टर प्राइवेट अस्पताओं में प्रैक्टिस करने में देते है जिसके चलते जो गरीब जनता है उनको ठीक से इलाज तक नहीं मिल पाता है
वायरल वीडियो में साफ़ दिख रहा है कि मेडिकल कॉलेज के सीनियर प्रोफेसर हैं बी.पी प्रियदर्शी रतनदीप हॉस्पिटल में निजी प्रैक्टिस करते दिखायी दे रहे है और एक मरीज के x-Ray प्लेट देख रहे है.
अब देखने की बात यह होगी क़ि UP सरकार या स्वास्थ्य महकमा इस मामले को संज्ञान में लेता भी या कथनी-करनी में भेद करने वाली कहावत चरिर्तार्थ करता है.