झांसी में ग्रेजुएशन कर चुकीं 4 छात्राओं ने भगवान शिव से विवाह किया. शिवलिंग को पगड़ी पहनाकर नंदी के साथ बारात लाई गई. तिलक लगाकर बारात का पारंपरिक स्वागत हुआ. भगवान शिव की द्वार छेकाई भी हुई. दुल्हनों की सहेलियों ने पैसे लेकर शिवलिंग को अंदर जाने दिया.
मंच पर रेखा, वरदानी, कल्याणी और आरती ने शिवलिंग को वरमाला पहनाई. शिवलिंग के सामने 7 फेरों की तरह 7 वचनों का पालन करने की शपथ ली. इसके बाद अपना पूरा जीवन अध्यात्म को समर्पित कर दिया. अब यह शादी पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है. मऊरानीपुर के कुंज बिहारी पैलेस में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी आश्रम ने इसका आयोजन किया.
चारों युवतियों ने शिवलिंग को वरमाला पहनाकर 7 वचनों के पालन की शपथ ली.
रेखा, वरदानी, कल्याणी और आरती ने भगवान के मार्ग पर चलकर उनकी सेवा की इच्छा जताई. चारों के परिवार ने उनका साथ दिया. इसके बाद प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ने 20 जुलाई को कुंज बिहारी पैलेस में विशेष शादी का आयोजन किया.
चारों युवतियों को दुल्हन की तरह सजाया गया. दूल्हा बने शिवलिंग को भी सेहरा पहनाया गया। सजे हुए शिवलिंग के साथ लोग बारात लेकर मैरिज हॉल पहुंचे.
चारों युवतियों ने वरमाला पहनाई: मैरिज गार्डन में पहले तिलक हुआ और फिर मंच पर चारों लड़कियों ने एक-एक कर भगवान शिव के प्रतीक शिवलिंग को वरमाला पहचाई. 7 वचनों की शपथ ली. इस विवाह समारोह में भारी संख्या में लोग मौजूद थे. लोगों ने इसे एक आध्यात्मिक क्रांति की संज्ञा दी. चारों युवतियों ने जीवन भर ब्रह्मचर्य का पालन कर समाज और विश्व सेवा का संकल्प लिया.
कल्याणी ने इंटरमीडिएट में टॉप किया था: खास बात यह है कि कल्याणी ने इंटरमीडिएट में टॉप किया था और अब स्नातक की पढ़ाई पूरी कर चुकी हैं. रेखा, वरदानी और आरती भी ग्रेजुएशन कर चुकी हैं. सभी युवतियां सामान्य परिवारों से हैं, लेकिन हर क्षेत्र पारंगत हैं.
सैकड़ों की संख्या में शिव भक्त भगवान शिव की बारात लेकर पहुंचे। साथ में चारों दुल्हनें भी थीं.
‘अब संसारिक जीवन नहीं जीना’: रेखा और कल्याणी का कहना है कि वे अब संसारिक जीवन नहीं जीना चाहतीं. बल्कि भगवान के मार्ग पर चलकर सेवा करना चाहती हैं. इससे पहले भी करीब 50 हजार युवतियां खुद को ब्रह्माकुमारी संस्था के माध्यम से ईश्वर को समर्पित कर चुकी हैं. अब ये चारों युवतियां भी उसी पथ पर अग्रसर हो गई हैं. चारों युवतियां झांसी की ही रहने वाली हैं। रेखा और वरदानी मऊरानीपुर से हैं. जबकि कल्याणी का घर गुरसरांय में है. आरती बरुआसागर की रहने वाली हैं.